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माइनिंग का फेक पोर्टल बनाकर फर्जी ईटीपी जनरेट करने का मामला

डिजिटल डेस्क सतना । राज्य सरकार के खनिज विभाग का फेक पोर्टल बनाकर फर्जी ईटीपी (इलेक्ट्रानिक ट्रांजिट पास) जनरेट करने की साजिश के पर्दाफाश और रेत के अवैध खनिज परिवहन के मामले में नागौद थाने में 2 ट्रक मालिकों और 2 ड्राइवरों के खिलाफ अपराध दर्ज कराए गए हैं। कलेक्टर अजय कटेसरिया ने इन दोनों मामलों में आरोपियों को 6 लाख के अर्थदंड से भी दंडित किया है। रेत से लोड दोनों ट्रक जब्त कर लिए गए हैं। जिले में अपने किस्म का यह पहला मामला है, जब खनिज विभाग के आफीशियल पोर्टल के समानांतर ऑनलाइन फर्जी पोर्टल बना कर ईटीपी जनरेट की जा रही थी। यह खेल कब से चल रहा था और इसके पीछे आखिर कौन है? दोनों सवाल फिलहाल जांच के दायरे में हैं।
कलेक्टर ने कायम कराए अपराध
फेक पोर्टल बनाकर नकली ईटीपी जनरेट करने और खनिज का अवैध परिवहन के मामले में कलेक्टर अजय कटेसरिया के आदेश पर ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1976 के मालिक रामसोहावन अहिरवार पिता रामसिपाही वार्ड नंबर-30 निवासी अमौधा कला (सतना), ड्राइवर सियाराम अहिरवार निवासी जतारा (टीकमगढ़) एवं ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1721 के मालिक जीपी यादव निवासी नई बस्ती (सतना) और ड्राइवर दिनेश दाहिया निवासी गुजरा अमरपाटन (सतना) के खिलाफ नागौद थाने में अपराध दर्ज कराए गए हैं। कलेक्टर ने ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1976 पर 27 घन मीटर अवैध रेत लोड पाए जाने पर 4 लाख और ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1721 में 18 घन मीटर रेत मिलने पर 2 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है।
क्या है मामला
जिला खनिज अधिकारी सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि 3 अगस्त को दोपहर साढ़े 3 बजे के करीब खनिज विभाग की एक रुटीन चेकिंग के दौरान नागौद थाना क्षेत्र के कचनार मोड़ पर खनिज निरीक्षक आशुतोष मिश्रा, पवन कुशवाहा और कमल परस्ते ने पन्ना की ओर से सतना आ रहे रेत से लोड 2 ट्रक पकड़े थे। ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1976 में 27 घन मीटर और ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1721 में 18 घन मीटर रेत लोड था। जांच के दौरान ट्रक ड्राइवर खनिज निरीक्षकों की टीम को परिवहन से संबधित ईटीपी नहीं दिखा पाए। लिहाजा दोनों ट्रक नागौद थाने में खड़े करा दिए गए।
ऐसे हुआ पर्दाफाश
जिला खनिज अधिकारी के मुताबिक 3 अगस्त को ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1976 के मालिक रामसोहावन अहिरवार और ट्रक नंबर एमपी 16 एच 1721 मालिक जीपी यादव खनिज कार्यालय पहुंचे और रेत परिवहन से संबधित ईटीपी पेश की। खनिज अधिकारी ने ईटीपी के सत्यापन के लिए जब उनके क्यूआर कोड स्केन किए जो वह यह देख कर दंग रह गए कि ईटीपी के डिटेल खनिज विभाग के आफीशियल पोर्टल की जगह किसी और पोर्टल पर खुले। अंतत: यह तय हो गया कि खनिज विभाग की आंखों में धूल झोंकने के लिए माइनिंग विभाग का फेक पोर्टल बनाकर नकली ईटीपी जनरेट की जा रही थीं।
Created On :   10 Aug 2021 2:44 PM IST