भाजपा की महिला कार्यकर्ता ने लगाया था छेड़छाड़ का आरोप

FIR lodged after a year - BJPs woman worker alleges molestation in the office of the corporator
भाजपा की महिला कार्यकर्ता ने लगाया था छेड़छाड़ का आरोप
सालभर बाद दर्ज FIR भाजपा की महिला कार्यकर्ता ने लगाया था छेड़छाड़ का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी की एक कार्यकर्ता ने अपने सहयोगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शिकायत के मुताबिक वारदात पिछले साल 15 अगस्त को भाजपा नगरसेविका अंजलि खेडकर के बोरिवली इलाके में स्थित जनसंपर्क कार्यालय में हुई थी। पीड़िता ने बुधवार को मामले की शिकायत बोरिवली पुलिस से की जिसके बाद पुलिस ने प्रतीक सालवी नाम के आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी। फिलहाल आरोपी फरार है। पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने वारदात के दिन उसे भाजपा नगरसेविका से मिलाने के बहाने बुलाया था। लेकिन जब वह नगरसेविका के कार्यालय पहुंची तो आरोपी ने उसके साथ अश्लील हरकत की। वहीं मामले में महाराष्ट्र प्रदेश 

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कांग्रेस ने बोला हमला

कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए 12 महिला विधायक खत लिख रहीं हैं लेकिन भाजपा के कार्यालय में ही महिला सुरक्षित नहीं हैं। मामले में पीड़िता ने सांसद गोपाल शेट्टी और विधायक सुनील राणे से गुहार लगाई लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। पीड़िता की आवाज दबाने के लिए भाजपा की नगरसेविका ने उसके साथ मारपीट भी की। आखिरकार गृहराज्य मंत्री सतेज पाटील ने पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई के निर्देश दिए जिसके बाद बोरीवली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चरित्र है। जब पार्टी को पीड़िता का साथ देना चाहिए था वह आरोपी के साथ खड़ी है। देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटील को बताना चाहिए कि महिला की आवाज दबाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। 

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भाजपा शासित राज्यों में हो रहे महिलाओं के खिलाफ अधिक अपराध


इससे पहले महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों के लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा था। हाल ही में सामने आए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आकड़ों में यह साफ दिख रहा है। जबकि राज्य में महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में कमी होती दिख रही है। इसलिए भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस विशेष सत्र की मांग इसलिए की है क्योंकि उन्हें भाजपा शासित राज्यों में रहने वाली महिलाओं की चिंता है। महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने यहा बात कही। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के कार्यकाल के दौरान भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ गए थे। सावंत ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है जबकि असम, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक जैसे भाजपा शासित प्रदेशों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। प्रति लाख महिलाओं  में सबसे ज्यादा 154 महिलाएं असम में अपराध का शिकार हुईं। इसके अलावा गैंगरेप और हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है और मध्य प्रदेश और असम का नंबर उसके बाद आता है। लेकिन भाजपा नेता महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेताओं को जानकारी होनी चाहिए कि साल 2019 में गैंगरेप और हत्या के 47 मामलों के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर था।

फडणवीस के वक्त बढ़े थे अपराध 

फडणवीस के कथित रामराज्य के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले खूब बढ़े थे। राज्य में साल 2015 में 31216, 2016 में 31388, 2017 में 31978, 2018 में 35497 और साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 37144 मामले सामने आए थे। महाविकास आघाडी के कार्यकाल के दौरान साल 2020 में राज्य में गैंगरेप और हत्या के 20 मामले हुए जो फडणवीस सरकार के कार्यकाल के मुकाबले काफी कम हैं। सावंत ने कहा कि संघ की विचारधारा के चलते भाजपा महिला विरोध बन गई है लेकिन उसे भी भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के मुद्दे पर संसद के विशेष सत्र का समर्थन करना चाहिए। बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मुद्दे पर विधानमंडल का दो दिन का विशेष अविवेशन बुलाने की मांग की थी। जवाब में ठाकरे ने कहा था कि देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के मद्देनजर संसद का चार दिन का विशेष अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए। 

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वहीं भाजपा नेता चित्रा वाघ ने पलटवार करते हुए सवाल किया है कि मामले में एक साल तक पुलिस ने शिकायत दर्ज क्यों नहीं की। अब एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस को छानबीन करनी चाहिए। वारदात से जुड़ी हमारे पास जो वीडियो हैं उन्हें पुलिस को सौंपा जाएगा। पुलिस ने मामले में पुलिस को एक पत्र सौंपा है जिसमें कहा गया है कि आरोप लगाने वाली महिला उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही थी।  

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महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने भाजपा कि महिला विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

उधर साकीनाका दुष्कर्म की घटना के मद्देनजर भाजपा की महिला विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने की मांग की थी।  इस पत्र पर पार्टी की 12 महिला विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रहे अपराधों से देशभर में महाराष्ट्र की  प्रतिष्ठा खराब हो रही है। इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच छिड़े पत्र युद्ध पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। बुधवार को फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल की ओर से लिखे पत्र पर मुख्यमंत्री ने जिस तरीके राजनीतिक रंग देखते हुए जवाब दिया है वह मुख्यमंत्री कार्यालय के अपरिपक्वता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री कार्यालय में कुछ सलाहकार अथवा अधिकारी अपरिपक्व हैं। फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर केवल विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन बुलाने के लिए सूचना दी थी। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने सात दिन तक देश भर की महिला अत्याचार की घटनाओं का शोध लगाकार पत्र का जवाब दिया है। लेकिन मुख्यमंत्री इसके बजाय पुलिस को महिला अपराध की घटनाओं में सख्ती से निपटने और दिशा कानून लागू करने का प्रयास करते तो अधिक बेहतर होता। फडणवीस ने कहा कि मैं जब मुख्यमंत्री था तो उस समय विपक्ष के नेता तत्कालीन राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मिलकर अधिवेशन बुलाने की मांग करते थे। मुझे भी तत्कालीन राज्यपाल इसी तरह से पत्र लिखते थे लेकिन मैंने कभी पलटकर राज्यपाल को पत्र नहीं लिखा था। 
 

 

 

Created On :   23 Sept 2021 7:43 PM IST

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