- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- पशुओं के अवैध परिवहन पर तत्काल दर्ज...
पशुओं के अवैध परिवहन पर तत्काल दर्ज होगी एफआईआर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में गैर कानूनी रूप से परिवहन करते हुए पशुओं के पकड़े जाने पर पुलिस को सबसे पहले संबंधित लोगों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज करना पड़ेगा। मामला दर्ज किए बिना पुशओं को गौशाला में नहीं ले जाया जा सकेगा। वहीं गौशाला में हस्तांतरण किए गए पशुओं की टैगिंग करके इनाफ प्रणाली पर पंजीयन करना अनिवार्य होगा। शुक्रवार को राज्य सरकार के पशुसंवर्धन विभाग ने अवैध रूप से पशुओं के परिवहन करते हुए पुलिस द्वारा पकड़े गए पशुओं को गौशाला में हस्तांतरण के संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके जरिए सरकार ने महाराष्ट्र प्राणी रक्षा (संशोधन) अधिनियम 1955 के प्रावधानों को राज्य में कड़ाई से पालन करने के बारे में दिशा निर्देश दिए हैं। शासनादेश के अनुसार अवैध रूप से परिवहन में पकड़ने जाने के संबंध में मामला दर्ज होने के बाद पशुओं की पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य जांच करनी होगी। पशुओं को ऐसे गौशालाओं में देशभाल के लिए हस्तांतरित करना होगा जिस गौशाला मालिक के खिलाफ प्राणी रक्षा अधिनियम के तहत कोई मामला दर्ज नहीं हुआ होगा। जब्त पशुओं के देखभाल की जिम्मेदारी सबंधित गौशाला प्रशासन की रहेगी। अदालत के आदेश के अनुसार जब्त पशुओं के संरक्षण अथवा देखभाल करने के लिए गौशाला में हस्तांतरण करने से पहले संबंधित जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त तथा जिला प्राणी क्लेष प्रतिबंधक समिति के सदस्य सचिव से लिखित सहमति लेनी होगी। इन दोनों अधिकारियों की लिखित अनुमति के बिना जब्त पशुओं को गौशाला से किसी व्यक्ति अथवा संस्था को भी नहीं सौंपा जा सकेगा। किसानों को पशुओं के इस्तेमाल अथवा बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकेगी। गौशाला के पशुधन को किसी भी परिस्थिति में बेचा नहीं जा सकेगा। किसी कारणवश पशुओं की मौत होने पर मृत पशु का मृत्यु प्रमाण पत्र निकालकर जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त को देना अनिवार्य रहेगा। जब्त किए गए पशुओं को गौशालाओं में देने की स्थिति और अन्य मुद्दों पर जिला प्राणी क्लेष प्रतिबंधक सोसायटी की बैठक में हर महीने समीक्षा करनी होगी।
Created On :   4 Nov 2022 8:59 PM IST