अग्निकांड: अस्पताल के चारों पार्टनर पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज

पुलिस ने सहायक मैनेजर गिरफ्तार अग्निकांड: अस्पताल के चारों पार्टनर पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज

डिजिटल डेस्क जबलपुर। विजय नगर थाना क्षेत्र में दमोहनाका रोड पर शिव नगर के पास स्थित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल में सोमवार को हुए भीषण अग्निकांड में अस्पताल के चारों पार्टनर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या व गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। हादसे के बाद से ही सभी पार्टनर फरार हो गए है। वहीं अस्पताल के सहायक मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को कमिश्नर की टीम मौके पर पहुंची वहीं एफएसएल ने भी कुछ साक्ष्य जुटाए। 8 लोगों की मौत के मामले की शुरुआती जांच में अस्पताल में सुरक्षा नियमों की अनदेखी के लिए प्रबंधन को दोषी माना गया है।
सूत्रों के अनुसार हादसे की जाँच के दौरान अस्पताल से जले हुए दस्तावेज बरामद किए गए। इन दस्तावेजों से पता चला कि अस्पताल की अग्नि सुरक्षा की वैधता मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। अस्पताल में फायर एनओसी के स्वीकृत प्लान के अनुसार अग्निशामक यंत्र नहीं लगाए गए थे न ही आग बुझाने के लिए रेत से भरी बाल्टियाँ लगाई गई थीं। इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल से बाहर निकलने का कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं था जिसके चलते भीषण त्रासदी हुई है।
इन पर प्रकरण दर्ज-
जाँच उपरांत अस्पताल के डायरेक्टर-प्रोपाइटर डॉ. निशिंत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल एवं डॉ. संतोष सोनी के खिलाफ धारा-304, 308, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं घटना के बाद अस्पताल के सहायक मैनेजर राम सोनी को हिरासत में लिया गया है, वहीं मैनेजर विपिन पांडे फरार बताया जा रहा है।
जाँच करने पहुँची एफएसएल टीम
हादसे के कारणों की जाँच करने के लिए मंगलवार को एफएसएल की टीम अस्पताल पहुँची। जानकारों के अनुसार टीम द्वारा बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्र किए गए। वहीं इस बात की जाँच की गई कि जनरेटर में शार्ट सर्किट होने के बाद ट्रिपिंग हुई थी कि नहीं।
- तामझाम पर दिया गया ध्यान
पुलिस के अनुसार एक ओर जहाँ अस्पताल के अंदर नियमों की अनदेखी उजागर हुई, वहीं बाहरी तामझाम पर पूरा ध्यान दिया गया था। बाहरी हिस्से को प्लास्टिक के क्यूब से कवर किया गया था जो कि बहुत ज्वलनशील होता है। जिसके कारण तेजी से आग भड़की और यह हादसा हुआ।
विद्युत सप्लाई लोड नहीं झेल सका जनरेटर
जानकारी के अनुसार पूरे अस्पताल में जो विद्युत सप्लाई का लोड था उस क्षमता के अनुसार जनरेटर नहीं लगाया गया था। लोड के अनुरूप जनरेटर कम क्षमता का होने के कारण जैसे ही जनरेटर चालू किया जिससे उसकी केबल जलने लगी और यही हादसे का कारण बना। वहीं जनरेटर रखने का स्थान भी तकनीकी दृष्टि से उचित नहीं माना गया है।
नकली रेमडेसिविर मामले में पकड़ा गया था मैनेजर
पुलिस के अनुसार अस्पताल का मैनेजर विपिन पांडे कोरोना काल में नकली रेमडेसिविर मामले में भी पकड़ा गया था। उसे गोहलपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई थी जो कि हादसे की खबर सुनने के बाद से ही फरार बताया जा रहा है।
 

Created On :   2 Aug 2022 9:55 PM IST

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