सभी सरकारी अस्पतालों में अग्निशामक यंत्र अनिवार्य, बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार का फैसला

Fire extinguishers mandatory in all government hospitals
सभी सरकारी अस्पतालों में अग्निशामक यंत्र अनिवार्य, बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार का फैसला
 आईसीयू में डाक्टरों-नर्सों की मौजूदगी जरुरी  सभी सरकारी अस्पतालों में अग्निशामक यंत्र अनिवार्य, बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार का फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सभी अस्पतालों में सभी अस्पतालों में अब अग्निशामक यंत्र लगाना अनिवार्य होगा। अस्पताल में अधिक जोखिम वाले हिस्से में अग्निशामक यंत्र लगाना होगा। सोमवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में आग की घटनाओं को टालने के लिए नए दिशानिर्देश के संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके अनुसार फायर सेफ्टी ऑडिट में प्राप्त त्रुटि रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में अग्निशामक यंत्र लगाना होगा। साथ ही अस्पताल के आईसीयू में डॉक्टरों और नर्सों को लगातार उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की लगातार जांच करनी होगी। अलग-अलग समय और दिन मॉक ड्रिल करना होगा। सभी कर्मचारियों को हर तीन महीने में मॉक ड्रिल में अग्निशामक यंत्र के इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षण देना होगा। मॉक ड्रिल के लिए स्थानीय अग्निशमन अधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की सहभागिता आवश्यक होगी। अग्निशामक यंत्र को रिफिल करके नियमित भरा हुआ रखना होगा।

अस्पताल में स्प्रिंकलर, फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर सुविधा तत्काल स्थापित करने के लिए जिला योजना और निर्माण कार्य विभाग से संपर्क करने को कहा गया है। अस्पताल में आग लगने की स्थिति में लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करने संबंधी सूचना का बोर्ड लगाना पड़ेगा। अस्पताल के प्रमुख हिस्से में अग्निशामक यंत्र की संख्या, प्रशिक्षित स्वयंसेवक, आपदा प्रबंधन कक्ष की जानकारी का बोर्ड पर देना होगा। अस्पताल में प्रत्येक वार्ड के बाहर निकासी दरवाजे के आसपास के परिसर को खुला रखना होगा। अस्पताल में सभी महत्वपूर्ण स्थल पर आपाकालीन निकासी सुविधा रखनी होगी। आपात स्थिति में बाहर निकलने के विकल्प की जानकारी बड़े अक्षरों में लिखने का निर्देश दिया गया है। अस्पताल में हलचल न कर सकने वाले मरीजों की ओर अनदेखी नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों के ऑपरेशन के बाद उनकी निगरानी के लिए वार्ड अथवा आईसीयू में 24 घंटे और सातों दिन अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी होगी। यदि संभव हो तो मरीज के साथ एक सहयोगी को रहने की अनिमति दी सकती है। डॉक्टर और कर्मचारी पाली बदलते समय नए डॉक्टर और कर्मचारी के आए बिना अपने वार्ड को नहीं छोड़ सकेंगे। अस्पताल के सभी दस्तावेज को  छायाचित्र के साथ सुरक्षित रखना होगा। 

 

Created On :   14 Feb 2022 8:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story