विकास को तरस रहे पहले शामिल हुए 55 गाँव, अब 62 नए और गाँवों को निगम सीमा में शामिल करने की तैयारी

First included 55 villages yearning for development, now preparing to include 62 new villages in corporation limits
विकास को तरस रहे पहले शामिल हुए 55 गाँव, अब 62 नए और गाँवों को निगम सीमा में शामिल करने की तैयारी
विडंबना - वे न गाँव रहे और न ही बन पाए शहर, मूलभूत सुविधाओं का टोटा, बनता तो है लेकिन अमल में नहीं आ पाता मास्टर प्लान विकास को तरस रहे पहले शामिल हुए 55 गाँव, अब 62 नए और गाँवों को निगम सीमा में शामिल करने की तैयारी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मास्टर प्लान एक ऐसा विजन डाक्यूमेंट है, जो किसी भी शहर के व्यवस्थित विकास की दिशा तय करता है। प्लान के इसी खाके के आधार पर अधोसंरचना या आधारभूत ढाँचा तैयार किया जाता है, फिर विकास को दिशा व गति दी जाती है। जबलपुर को विकसित करने के लिए टीएनसीपी ने अलग-अलग वर्षों में कई मास्टर प्लान बनाए। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहें कि ये प्लान आज तक उस रूप में लागू नहीं हुआ, जैसा इन्हें कागजों और नक्शों पर दिखाया गया था। विजय नगर, मेडिकल, अधारताल, सुहागी, बरेला रोड और इधर अमखेरा से लगा क्षेत्र इसकी बानगी है। यहाँ कई कॉलोनियाँ तो ऐसी बन गई हैं, जहाँ सड़कें तक नही हैं। यही हालात उन 55 गाँवों के हैं, जिन्हें वर्ष 2014 में नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया था। ये गाँव न तो अब गाँव रहे और न ही शहर बन पाए। खास बात तो यह है कि 2021 से 2035 के मास्टर प्लान में अब फिर से 62 गाँव शामिल किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में 55 गाँवों को शहरी सीमा में शामिल किया गया। इससे शहर का दायरा बढ़कर 264 वर्ग किलोमीटर हो गया था। अब मास्टर प्लान 2021 से 2035 के लिए निवेश क्षेत्र को बढ़ाने की तैयारी के चलते 62 गाँवों को चिन्हित किया गया है। इसका सीधा सा मतलब है कि आगामी वर्षों में इन गाँवों को भी निगम सीमा में शामिल किया जाएगा। पूर्व में जिन गाँवों को शहरी सीमा में शामिल किया गया, उन्हें विकसित किए बिना नई सीमा वृद्धि नहीं की जा सकती। ऐसा नियम है लेकिन संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश की ओर से मास्टर प्लान की तैयारी के तहत 62 गाँवों को निवेश क्षेत्र में शामिल करने की अधिसूचना जारी हो चुकी है और उसके लिए दावे और आपत्तियाँ आमंत्रित किए गए हैं। 
टीएनसीपी ने शुरू किया कार्य 
बताया गया है कि वर्ष 2035 की जनसंख्या को मद्देनजर रखते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने मास्टर प्लान 2021-2035 पर काम करना शुरू कर दिया है। उसी के तहत 62 गाँवों को निवेश क्षेत्र में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। निवेश क्षेत्र में शामिल  होने मात्र से ये गाँव नगर निगम की सीमा में नहीं माने जाएँगे बल्कि इसके लिए नगर निगम जब परिसीमन करेगा, तब ये गाँव निगम की सीमा में शामिल हो सकेंगे। निवेश क्षेत्र में आने से गाँवों को भविष्य में नगरीय सीमा में शामिल किया जा सकेगा। 1 अक्टूबर को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गई और 1 माह में दावे और आपत्तियाँ प्रस्तुत करने का समय दिया गया है।

Created On :   27 Oct 2021 9:30 AM GMT

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