दूसरे पति से छुपाई पहली शादी की बात तो अदालत ने विवाह को किया अमान्य

First marriage was hidden from second husband, court invalidated the marriage
दूसरे पति से छुपाई पहली शादी की बात तो अदालत ने विवाह को किया अमान्य
हाईकोर्ट दूसरे पति से छुपाई पहली शादी की बात तो अदालत ने विवाह को किया अमान्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने इसलिए एक दंपति के विवाह को अमान्य करार दिया है क्योंकि पत्नी ने पति से अपनी पहली शादी की बात छुपाई थी। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि महिला ने विवाह से पहले यह नहीं बताया था कि अतीत में भी उसके किसी के साथ संबंध थे और उससे एक बेटा भी है। लिहाजा कोर्ट ने हिंदु विवाह अधिनियम की धारा 12 के तहत दंपति के विवाह को अमान्य घोषित किया है। इससे पहले ठाणे कोर्ट ने मामले से जुड़े जोड़े के विवाह को खत्म कर दिया था। जिसके खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के सामने महिला की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महिला के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने वैवाहिक वेबसाइट पर अपने ‘लिव इन रिलेशन’ की जानकारी के साथ ही विवाह से पहले पति को अपने पुराने संबंधों व बेटे के बारे में भी जानकारी दी थी। 

वहीं पति की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि महिला ने खुद को वैवाहिक वेबसाइट पर खुद को अविवाहित बताया था। बाद में वेबसाइट पर दी गई जानकारी के साथ छेड़छाड की गई थी। यहीं नहीं महिला ने मेरे मुवक्किल को अपने पहले पति से हुए बेटे के बारे में भी जानकारी नहीं दी थी। किंतु विवाह के बाद जब मेरे मुवक्किल ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि महिला के एक व्यक्ति के साथ संबंध थे। जिससे उन्हें एक बेटा हुआ है। बेटे के जन्म प्रमाणपत्र में भी महिला का नाम मां के रुप में दर्ज है। जबकि जिस व्यक्ति के साथ उसके संबंध थे उसके नाम का उल्लेख पिता के रुप में किया गया है। बच्चे के स्कूल से जुड़े एक दस्तावेज में भी यही स्थित है। 

खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने व तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि महिला ने जब शादी की उस समय उसका बेटा मौजूद नहीं था। सगाई के समय भी उसका बेटा नहीं था। बेटे की अनुपस्थिति को लेकर महिला कोई ठोस कारण नहीं दे पायी है। जबकि उसने बेटे के जन्म से जुड़े दस्तावेजों को स्वीकार किया है। महिला का यह कृत्य जालसाजी के दायरे में आता है। महिला ने धोखे से विवाह के लिए सहमति हासिल की थी। इसलिए इसे हिंदु विवाह अधिनियम की धारा 12 के तहत महिला के विवाह को अमान्य घोषित किया जाता है। 
 

Created On :   25 Oct 2022 8:43 PM IST

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