दिल्ली से आया कॉल और धनुष की फ्लैगिंग कैंसल, सैन्य अधिकारी पहुंचे, कोलकाता से आए ओएफबी चेयरमैन

Flagging ceremony of Dhanush cancelled due to unknown reasons
दिल्ली से आया कॉल और धनुष की फ्लैगिंग कैंसल, सैन्य अधिकारी पहुंचे, कोलकाता से आए ओएफबी चेयरमैन
दिल्ली से आया कॉल और धनुष की फ्लैगिंग कैंसल, सैन्य अधिकारी पहुंचे, कोलकाता से आए ओएफबी चेयरमैन

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। भारतीय सेना ने देश की सबसे बड़ी आर्टीलरी गन को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए काउंटडाउन शुरू कर दिया। कोलकाता से आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार जीसीएफ पहुंच गए। दूसरी तरफ सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी भी पुख्ता हो गई। इसी बीच तकरीबन मंगलवार को दोपहर 12 बजे एक फैक्स पहुंचा और फिर एक फोन कॉल। अचानक धनुष की फ्लैगिंग सेरेमनी कैंसल कर दी गई।

गन कैरिज फैक्ट्री में देश की पहली स्वदेशी गन धनुष को देश को समर्पित करने का वक्त टल गया है। हालांकि यह भी अजब इत्तेफाक रहा है कि जब-जब धनुष ने एक बड़ा पड़ाव पार किया, तब-तब कोई न कोई अडंगेबाजी आती रही है। बहरहाल, मंगलवार को जीसीएफ में सुबह आयुध निर्माणी बोर्ड के अध्यक्ष का आगमन हुआ। दोपहर ढाई बजे कार्यक्रम की शुरूआत की जानी थी। इससे पहले महाप्रबंधक कार्यालय को दिल्ली से आए दिशा-निर्देश ने पूरी प्लानिंग ही बदल डाली। इसके तत्काल एजीएम प्रशासन को बुलाया गया और कार्यक्रम को रद्द करने के निर्देश दिए गए।

एक घंटे की मीटिंग
कार्यक्रम कैंसल होने के कुछ देर बाद ही सैन्य अधिकारी जीसीएफ से रवाना हो गए। इसके बाद निर्माणी प्रशासन की हाई लेवल मीटिंग कॉल कर ली गई। सूत्रों का कहना है कि मीटिंग हॉल में सीमित अधिकारियों को ही प्रवेश दिया गया। बैठक में उत्पादन बढ़ाने, रॉ मेटिरियल मैनेजमेंट जैसे मामले को प्रमुखता से उठाया गया। बोर्ड चेयरमैन से क्वालिटी में लगातार सुधार की बात कही।

एमओडी से भी निर्देश
धनुष की फ्लैगिंग रोकने के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी किए गए। जानकारों का कहना है कि इन निर्देशों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस वजह से कार्यक्रम रद्द किया गया। सूत्रों का कहना है कि सेरेमनी को री-शेड्यूल किया जा रहा है। संभवत: गुरुवार-शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। फैक्टरी प्रशासन का सिर्फ इतना कहना रहा कि अपरिहार्य कारणों से कार्यक्रम री-शेड्यूल किया जा रहा है, लेकिन अगली तारीख अभी तय नहीं है।

114 गनों का प्रोडक्शन
जीसीएफ के पास हाल-फिलहाल 114 गनों का टारगेट है। हाल ही में बल्क प्रोडक्शन क्लियरेंस सर्टिफिकेट (बीपीसी) हासिल हो जाने के बाद यह उत्पादन लक्ष्य निर्माणी को प्रदान किया गया है। अलग-अलग स्टेप में तकरीबन 4 सैकड़ा गनों का उत्पादन किया जाना है।

81 फीसदी स्वदेशी
बोफोर्स को धनुष से रिप्लेस किया जाएगा। इसमें 81 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जे इस्तेमाल किए गए हैं। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2019 तक इसमें 91 प्रतिशत देशी उपकरण लगाए जाएंगे। मेक इन इंडिया का इसे बेहद आदर्श उदाहरण माना जाता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक अपग्रेडेशन भी किए गए हैं। धनुष के डेव्हलपमेंट में डीआरडीओ, डीजीक्यूए, बीईएल जैसे बड़े संस्थानों का अहम योगदान रहा है।

शिकायत किसने दर्ज कराई
उधर सुप्रीम कोर्ट में आयुध कर्मी खटुआ की संदिग्ध मौत की जांच एनआईए से कराने के मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ऑफीसर ने जरूर मामले से जुड़े कुछ अन्य दस्तावेज तलब किए हैं। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट संबंधी कागजात लॉ आफीसर ने मांगे हैं। गौरतलब है कि एक क्रिमिनल पिटीशन सर्वोच्च अदालत में दाखिल की गई है। इसमें शारदा चरण खटुआ की संदिग्ध मौत को कटघरे में लिया गया है। याचिका में यह दावा किया गया है कि मृतक धनुष गन के उत्पादन में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था। याचिका में मांग की गई है कि मौत की जांच-पड़ताल नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) से कराई जाए।

खूबियां कमाल की
- इलेक्ट्रॉनिक
- राडार कंट्रोल
- सीसीडी कैमरा
- उच्च स्तरीय संचार प्रणाली
- कम्प्यूटर से नियंत्रण
- टारगेट सेट करने की प्रणाली

Created On :   27 March 2019 4:04 PM IST

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