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समय बीतने के बाद भी दुकानों में नहीं पहुंचा राशन, परेशान हो रहे हितग्राही

डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहर में इन दिनों हजारों हितग्राही अनाज लेने के लिए राशन दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। राशन वितरण के लिए शासन द्वारा तय की गई समय सीमा पूरी हो चुकी है और जिले की सैकड़ों दुकानों ऐसी हैं जहां अब तक अनाज पहुंच नहीं पाया है। इसका मुख्य कारण है, अनाज सप्लाई करने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम का उदासीन रवैया।
पता चला है कि जबलपुर की लगभग डेढ सौ दुकानें ऐसी हैं, जहां अब तक राशन दुकानों तक अनाज नहीं पहुंच पाया है। जबकि, शासन के नियमानुसार, अगले माह बांटे जाने वाले राशन की सप्लाई एक महीने पहले एडवांस में माह की 15 से 25 तारीख के बीच करना होता है। यानि, फरवरी माह में बांटे जाने वाले राशन की सप्लाई जनवरी की 15 से 25 तारीख के बीच पूरी करने का नियम है। सूत्रों की माने तो जबलपुर में स्थिति इसी लिए काफी खराब है, क्योंकि यहां गोदामों से राशन उठवाकर राशन दुकानों तक पहुंचाने की व्यवस्था लचर है। आलम यह है कि, बीते कई महीनों से नागरिक लगातार इस बारे में शिकायत कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार हैं कि इस दिशा में ध्यान देने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। जिम्मेदारों के इस ढुलमुल रवैये का खामियाज़ा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि बड़े पैमाने पर राशन सप्लाई में आ रही दिक्कतों और देरी के चलते हितग्राहियों को राहत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई पड़ती है। इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम की जिला प्रबंधक प्रियंका राय से बातचीत करने की कोशिश की गईलेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
कलेक्टर की हिदायत भी बेअसर-
बीते माह खाद्य आपूर्ति के मामलों से संबंधित कलेक्ट्रेट में आयोजित एक बैठक में कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था कि राशन के उठाव के मामले में गंभीरता बरतते हुए इस कार्य को तेजी से पूरा किया जाए। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि अधिकारी प्रत्येक माह राशन दुकानों पर समय सीमा के भीरत अनाज पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सूत्रों की माने तो वर्तमान में जो स्थिति बनी हुई है, उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कलेक्टर के निर्देशों और हिदायत का नागरिक आपूति निगम के अधिकारियों पर कितना असर पड़ा है।
छोटे वाहन न मिलने का बहाना-
बैठक में अधिकारियों ने कहा था कि, शहरी क्षेत्र की ज्यादातर दुकानें सकरी गलियों में स्थित है। इस वजह से ऐसी दुकानों तक बड़े वाहनों से राशन पहुंचाने में दिक्कतें आती हैं। इसके लिए छोटे वाहनों की जरुरत है, लेकिन यह आसानी से मिल नहीं पाते। अधिकारियों का यह तर्क सुनने के बाद कलेक्टर ने निर्देश दिए थे कि एक क्षेत्र की कुछ दुकानों का समूह बनाकर उन्हें एक जगह से राशन देने की व्यवस्था की जा सकती है, ताकि समय पर वे अनाज उठाकर वितरित कर सकें। सूत्रों की माने तो कलेक्टर की इन निर्देशों के बाद कुछ दिन तो अधिकारी मुस्तैद नजर आए लेकिन धीरे-धीरे स्थिति पुराने ढर्रे पर ही आ गई।
इनका कहना है
जिले में अभी तक लगभग सत्तर प्रतिशत राशन की ही सप्लाई दुकानों तक हो पाई है। देर होने के कारण जिन दुकानों में राशन नहीं पहुंच पाया, वहां से अनाज वितरण के लिए 1 फरवरी तक समयावधि बढ़ाई गई है।- सीएस जौदान, खाद्य नियंत्रक
Created On :   30 Jan 2018 1:11 PM IST