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संस्थाओं की इमारतों में बिजली बचत के लिए 100 फीसदी अनुदान देगी सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिजली की बढ़ती खपत को रोकने के लिए अब चैरिटी कमिश्नर कार्यालय में पंजीकृत संस्थाओं को सरकार अनुदान देगी। पंजीकृत संस्थाओं की इमारतों में ऊर्जा संवर्धन व बचत परियोजना शुरु की जाएगी। इसके लिए सरकार 100 फीसदी अनुदान देगी। राज्य में फिलहाल 25 से 50 प्रतिशत तक बिजली बचत की जा सकती है। राज्य सरकार ने सरकारी, अर्ध सरकारी, स्थानीय स्वराज संस्थाओं में बिजली बचत के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। अब इसी तर्ज पर चैरिटी कमिश्नर के यहां पंजीकृत संस्थाओं को बिजली बचत के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सरकारी बिजली कंपनी महाऊर्जा चाहती है कि जो संस्था आर्थिक रुप से सक्षम हैं, वे अपनी निधी से बिजली बचाने के लिए एलईडी बल्ब और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करें। इसके लिए आवश्यक तकनीकी मदद निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। जिन संस्थाओं की आर्थिक स्थित बहुत ज्यादा अच्छी नहीं हैं, उनके तीन साल के खाते की पड़ताल के बाद महाऊर्जा की तरफ से 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। जबकि जो संस्थाएं आर्थिक रुप से सक्षम नहीं हैं, उनको 100 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए उनके तीन वर्षों के आर्थिक लेखा-जोखा की पड़ताल की जाएगी। हालांकि यह आर्थिक मदद किसी भी परिस्थिति में 25 लाख से अधिक नहीं होगी। इस तरह का प्रस्ताव महाऊर्जा ने तैयार किया है। ऊर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार इस तरह के प्रस्तावों को मान्यता देने के लिए महाऊर्जा के अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।
जापान-अमेरिका से ज्यादा खर्चते हैं बिजली
बिजली इस्तेमाल के मामले में भारतीय जापान व अमेरिका जैसे विकसित देशों से आगे हैं। भारत में प्रति जीडीपी बढ़ाने के लिए खर्त होने वाली यूनिट बिजली खपत जापान की तुलना में 3.7 गुना और अमेरिका की तुलना में 1.55 गुना अधिक है। ऊर्जा विभाग के अनुसार देश में बिजली बचत की काफी संभावनाएं हैं। एक यूनिट बिजली बचट का अर्थ है दो यूनिट बिजली उत्पादन।
Created On :   17 Aug 2018 7:25 PM IST