इस धर्ती पर असुरक्षित हैं विदेशी मेहमान

Foreign guests are unsafe on the land of Gondia
इस धर्ती पर असुरक्षित हैं विदेशी मेहमान
गोंदिया इस धर्ती पर असुरक्षित हैं विदेशी मेहमान

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जलाशयों पर विदेशी पक्षियों का आगमन होना शुरू हो चुका है। लेकिन यहां पर विदेशी मेहमान असुरक्षित हो रहे हैं। गोरेगांव वन विभाग की टीम ने तीन सायबेरियन पक्षियों को जख्मी अवस्था में पकड़ा है। पश्चात आवश्यक इलाज कर उन्हें फिर से खुले वातावरण में सुरक्षित स्थान पर छाेड़ दिया गया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि विदेशी पक्षियों का शिकार में शिकारी सक्रिय हो गए हैं। यह घटना गोरेगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले ग्राम ढीमरटोली-तुमखेड़ा परिसर में 29 अक्टूबर को सामने अाई है। बता दें कि नवंबर माह से विदेशी पक्षियों का आगमन जिले के परसवाड़ा, झिलमिली तथा अन्य जलाशयों पर शुरू हो जाता है। जिन्हें देखने के लिए जिले के ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटक इन जलाशयों पर बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। विदेशी पक्षियों के साथ सारस के भी दर्शन पर्यटकों को आसानी से हो जाते हैं। बड़ी संख्या में पक्षियों का आगमन होने से कुछ शिकारी भी इन पक्षियों का शिकार करने के लिए प्रयास करते हैं। गोरेगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत तुमखेड़ा-ढीमरटोली परिसर से सायबेरियन प्रजाति के तीन पक्षियों को जख्मी अवस्था में गोरेगांव वन परिक्षेत्र की टीम ने पकड़ लिया। उसके बाद रात को ही तीनों पक्षियों पर इलाज कर उन्हें खुले वातावरण में सुरक्षित छोड़ दिया गया। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पक्षियों को अज्ञातों ने नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से या तो जाल बिछाया होगा या फिर किसी सामग्री से जख्मी किया होगा। इससे संकेत मिल रहे हैं कि इन पक्षियों के शिकारी शिकार करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में वन विभाग ने इस दिशा से जांच पड़ताल कर इन शिकारियों पर पैनी नजर रखने की भी मांग पक्षी प्रेमियों द्वारा की जा रही है। 

घायल अवस्था में पाए गए थे पक्षी

मनोज गाढ़वे, आरएफओ, वन परिक्षेत्र कार्यालय के मुताबिक विभाग को जानकारी मिली कि तुमखेड़ा-ढीमरटोली क्षेत्र में 3 पक्षी घायल अवस्था में हंै। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचा गया तो, तीन युवकों के हाथों में सायबेरियन प्रजाति के पक्षी थे। जिनसे पूछताछ करने पर पता चला कि वे घायल अवस्था में उन्हें दिखाई दिए। तीनों पक्षियों पर आवश्यक इलाज कर तंदरुस्त होने के बाद रात को ही खुले वातावरण में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया है। इस दौरान क्षेत्र सहायक देवेंद्र तुरकर, सुरेश रहांगडाले, श्यामकुमार राठौड़, विक्की लांजेवार तथा वन विभाग की टीम भी उपस्थित थी। 

 

Created On :   31 Oct 2022 7:41 PM IST

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