न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग, डर के साए में पिलाई  दो बूँद जिंदगी की

Forget Kovid Protocol in Pulse Polio Campaign - First day 78.8 in district. Childrens medicine
न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग, डर के साए में पिलाई  दो बूँद जिंदगी की
न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग, डर के साए में पिलाई  दो बूँद जिंदगी की

पल्स पोलियो अभियान में कोविड प्रोटोकॉल को भूले - जिले में पहले दिन 78.8 प्रश.  बच्चों को पिलाई गई दवा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना वैक्सीनेशन की सुर्खियों के बीच जिले में रविवार को एक और बेहद अहम टीकाकरण अभियान शुरू हुआ। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के अंतर्गत दवा पिलाई गई, लेकिन स्वास्थ्य कर्मी कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करना जैसे भूल ही गए। जिले की विभिन्न आँगनबाड़ी केंद्रों पर बनाए गए कुछ बूथ समेत अन्य केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ती नजर आईं। कई जगह बच्चों को दवा पिलाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने मास्क नहीं लगाए। अभिभावकों ने डर के साए के बीच बच्चों को "दो बूँद जिंदगी की" पिलाई। पहले दिन 31 जनवरी को पोलियो रविवार के तहत 2117 बूथों पर लक्ष्य के मुकाबले 78.8 प्रश.  बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई। अभियान के दौरान शहरी क्षेत्र के 258202 और ग्रामीण क्षेत्र के 128749 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। जिले में आज और कल घर-घर जाकर पोलियो की खुराक दी जाएगी।
जिला अस्पताल से शुभारंभ
 जिला अस्पताल विक्टोरिया में अभियान का शुभारंभ विधायक अशोक रोहाणी, सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुरारिया की मौजूदगी में हुआ। इस मौके पर डीआईओ डॉ. एसएस दाहिया, डीएमओ अजय कुरील, एसएमओ डॉ. जलज आदि उपस्थित रहे, वहीं अभियान के दौरान विभाग के अधिकारी जबलपुर में 2008 में मिली पोलियो की अंतिम पीडि़त बच्ची के घर भी पहुँचे।
भूल गए हाथ सेनिटाइज करना
आम तौर पर बेहद छोटे बच्चों को दवा पिलाने से पहले, बच्चे का मुँह हाथों से पकड़कर खोला जाता है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि हर बार किसी बच्चे का छूने से पहले हाथ सेनिटाइज कर लिए जाएँ, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों ने दवा पिलाने से पहले हाथ सेनिटाइज नहीं किए और एक के बाद एक बच्चों को वैक्सीन पिलाते रहे।

Created On :   1 Feb 2021 2:46 PM IST

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