आय से अधिक संपत्ति मामले में बीआईएस के पूर्व निदेशक को तीन साल की सजा

Former BIS director sentenced to three years in disproportionate assets case
आय से अधिक संपत्ति मामले में बीआईएस के पूर्व निदेशक को तीन साल की सजा
आय से अधिक संपत्ति मामले में बीआईएस के पूर्व निदेशक को तीन साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर की एक स्थानीय अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) के पूर्व निदेशक ए के घोष को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति रखने का आरोप था। सीबीआई ने घोष पर साल 1987 से जुलाई 2005 के बीच 24 लाख 11 हजार 707 रुपए की आय से अधिक चल व अचल संपत्ति रखने के आरोप के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था। यह सपंत्ति आरोपी की पत्नी, बेटी व बेटे के नाम पर थी। 

न्यायाधीश विवेक कथारे के सामने मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील अशोक बाजोरिया ने न्यायाधीश के सामने 23 गवाह पेश किए। उन्होंने कहा कि आरोपी अपनी संपत्ति के बारे में सफाई देने में पूरी तरह विफल रहा है। वहीं आरोपी के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने गलत तरीके से उनकी संपत्ति का मूल्याकन किया है। क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों की स्वतंत्र आमदनी थी। परिवार के सदस्यों की संपत्ति को मेरे मुवक्किल के नाम पर नहीं जोडा जा सकता।  

मामले से जुड़े सबूतों पर गौर करने बाद न्यायाधीश ने पाया कि आरोपी के पास नौ लाख सात हजार 605 रुपए की संपत्ति उसके आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक मिली है। न्यायाधीश ने आरोपी को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत दोषी ठहराते हुए उसे तीन साल के कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी के आग्रह पर उसकी सजा पर रोक लगा दी ताकि वह निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर सके।  


          
 

Created On :   22 Feb 2020 6:46 PM IST

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