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कॉल डेटा रिकॉर्ड बेंचने के मामले में चार गिरफ्तार, अब तक पुलिस के शिकंजे में आए 11
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोगों के कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) और सब्सक्राइबर्स डेटा रिकॉर्ड (एसडीआर) और बैंक खातों से जुड़ी जानकारी अवैध रूप से हासिल कर बेंचने के मामले में मुंबई पुलिस ने दिल्ली से तीन और आरोपियों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा मुंबई के एक व्यक्ति से भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है उसे भी जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस अब तक इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अपराध शाखा ने गुरूवार को दिल्ली में एक बैंक में काम करने वाली महिला को हिरासत में लिया है जिसने मामले में पहले गिरफ्तार आरोपियों को लोगों के बैंक खाते से जुड़ी जानकारी पैसे लेकर बेचती थी। जबकि बाकी दो आरोपी निजी जासूस हैं। सीनियर इंस्पेक्टर जगदीश साइल की अगुआई में अपराध शाखा की यूनिट पांच की टीम ने शैलेश मांजरेकर और राजेंद्र शाहू नाम के दो आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार करते हुए कॉल सेंटर रैकेट का पर्दाफाश किया था। उनके पास से 200 लोगों के कॉल डेटा रिकॉर्ड मिले थे जिन्हें अवैध रुप से हासिल किया गया था।
आरोपियों से पूछताछ के बाद मामले के मुख्य आरोपियों सौरभ साहू और कीर्तेश कवि के नाम सामने आए। गाजियाबाद का रहने वाला साहू सिर्फ आठवीं पास है। मामले में आगे छानबीन के बाद एक प्राईवेट डिटेक्टिव पर शिकंजा कसा। अब छानबीन में खुलासा हुआ है कि रैकेट देशभर में फैला हुआ है और अलग-अलग राज्यों के दर्जनों डिटेक्टिव आरोपियों से सीडीआर और एसडीआर खरीदते थे। पुलिस अब इन सभी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है और अपराध शाखा की टीमें देशभर में आरोपियों को तलाश रहीं हैं। इंस्पेक्टर साइल ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से अब तक 300 से ज्यादा सीडीआर और पांच लाख से ज्यादा एसडीआर बरामद किए जा चुके हैं। आरोपी सीडीआर के लिए 40 हजार जबकि एसडीआर के लिए 5 हजार रुपए लेते थे। बड़ी संख्या में ऐसे लोग इन जासूसों की मदद लेते थे जिनकी किसी से शादी होने वाली हो या जिनकों अपने पार्टनर पर शक हो। सीडीआर में किस नंबर पर कितनी देर और कितनी बार बात हुई इसकी जानकारी दर्ज होती है।
Created On :   11 Feb 2021 9:37 PM IST