महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद मामला में सुनवाई से अभी तक चार जजों ने किया खुद को अलग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद मामले की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के एक और जज ने खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस अरविंद कुमार ने अब इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया है। मामले को बेंच के गठन के लिए सीजेआई को भेजा गया है। ऐसे में पिछले 19 साल से लंबित चल रहे मामले की सुनवाई में और देरी हो सकती है। बता दें कि अभी तक इस मामले में चार जज सुनवाई से अलग हो चुके है। इनमें जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस मोहन एम शांतनगौदर, जस्टिस बीवी नागरत्ना और अब जस्टिस अरविंद कुमार शामिल है। यह सभी कर्नाटक से है। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस असदुद्दीन अमानुल्ला और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ के समक्ष आज इस मामले पर सुनवाई हुई। दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने आदेश जारी किया कि जिन तीन जजों की पीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध था, उसमें से जस्टिस अरविंद कुमार इसके सदस्य नहीं होंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र ने 2004 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। महाराष्ट्र सरकार ने अपनी याचिका में कर्नाटक के पांच जिलों के करीब 865 गांवों और कस्बों को राज्य में विलय करने की मांग की थी। गौरतलब है कि 12 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मोहन सरीन को विशेष आयुक्त नियुक्त किया था, जिन्हें दोनों पक्षकारों की साक्ष्य सुनने के बाद आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। वहीं, इससे पहले केंद्र सरकार ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। लेकिन मामले में कोई सकारात्मक पहल सामने नहीं आई और तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में ही लंबित है, जिस पर आज सुनवाई हुई।
Created On :   12 April 2023 7:42 PM IST