Mumbai News: मुंबई में बंद होंगे कबूतर खाने, शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य की योजना बना रही है सरकार

मुंबई में बंद होंगे कबूतर खाने, शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य की योजना बना रही है सरकार
  • गिरगांव में कबूतर पिज्जा और बर्गर खाते थे
  • कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने दिया आश्वासन

Mumbai News मनपा को शहर के सभी कबूतर खाना को बंद करने के निर्देश दिए जाएंगे। विधान परिषद में राज्य के कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई मनपा को तत्काल कबूतर खाना बंद करने को लेकर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा जाएगा। गुरुवार को प्रश्नकाल में शिवसेना (शिंदे) की सदस्य मनीषा कायंदे ने माहिम, दादर समेत दूसरे जगहों के कबूतर खाना बंद करने को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि कबूतरों के विष्ठा और पंखों के कारण लोगों को सांस और दूसरी बीमारियां हो रही हैं। शहर में कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी कबूतरों को दाना डालता है। इसके जवाब में सामंत ने कहा कि मुंबई मनपा क्षेत्र में 51 कबूतर खाना है। दादर का कबूतर खाना दो साल तक बंद था। फिलहाल दादर का कबूतर खाना फिर शुरू है। लेकिन मुंबई मनपा अब अगले एक महीने में विशेष अभियान चलाकर कबूतर खाना को बंद करने के आदेश दिए जाएंगे।

पिज्जा और बर्गर खाते हैं कबूतर

सामंत ने दावा करते हुए कहा कि हम लोगों को अभी तक पता था कि कबूतर केवल दाना खाते हैं। लेकिन गिरगांव चौपाटी में कबूतर पिज्जा और बर्गर खाते थे। मुंबई मनपा के पास इस बारे में सबूत है। हालांकि अदालत आदेश के कारण गिरगांव चौपाटी का कबूतर खाना बंद कर दिया गया है।

कबूतर के कारण मेरी मामी की मौत- चित्रा वाघ

भाजपा सदस्य चित्रा वाघ ने कहा कि कबूतर से हुई बीमारी के कारण मेरी मामी की मौत हो चुकी है। अंधेरी में के पश्चिम वार्ड में बार-बार शिकायत की गई थी। लेकिन मुंबई मनपा के वार्ड अफसर ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। आखिर में उनकी मृत्यु कबूतर के विष्ठा के कारण होने वाली सांस की बीमारी हुई है। वाघ ने कहा कि सरकार को कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य की योजना बना रही है सरकार- बोर्डीकर

इसके अलावा महाराष्ट्र में थैलेसीमिया बीमारी को रोकने की दिशा में राज्य सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है। सरकार ने इस बीमारी पर काबू पाने के लिए शादी से पहले ही जांच को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है। इस संबंध में सरकार परभणी से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत 8 मई को पहले ही शुरू कर चुकी है। गुरुवार को राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डीकर ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। बोर्डीकर ने कहा कि सरकार जल्द ही इस बीमारी पर रोकथाम लगाने के लिए नियम बनाएगी ताकि इस बीमारी का खात्मा किया जा सके। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य विकास ठाकरे ने यह सवाल सदन में उठाया। बोर्डिकर ने कहा कि इस समय महाराष्ट्र में 12 हजार 860 थैलेसीमिया के मरीज मौजूद हैं। बोर्डिकर ने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी को लेकर पहले से ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार इस बीमारी के खिलाफ 'एक कदम थैलेसीमिया मुक्ति की ओर' अभियान शुरू कर चुकी है। जिसमें इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को ट्रांसपोर्ट से लेकर अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। भाजपा सदस्य योगेश सागर ने थैलेसीमिया से संबंधित सुझाव देते हुए कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं की इस बीमारी की जांच करती है। क्यों न महिला के पति की भी जांच की जाए। इस पर बोर्डिकर ने कहा कि सरकार शादी से पहले ही थैलेसीमिया पर लगाम लगाने के लिए जांच अनिवार्य करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इसके आलावा अस्पतालों में इस बीमारी से संबंधित मरीजों के लिए बेड रिजर्व किए जाएंगे।

क्या है थैलेसीमिया बीमारी?

थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो शरीर की हीमोग्लोबिन और स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने की क्षमता को प्रभावित करता है। अगर समय पर इस बीमारी का निदान नहीं किया जाता है, तो यह बीमारी अगली पीढ़ी को भी हो सकती है। इस बीमारी से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर घटने लग जाता है या फिर बनता ही नहीं है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को नियमित अंतराल पर हीमोग्लोबिन की जांच करानी पड़ती है।

Created On :   3 July 2025 9:31 PM IST

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