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सीवर लाइनों और सड़कों की तकनीकी रिपोर्ट पेश करने चार हफ्ते की मोहलत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर की सीवर लाइनों और सड़कों की तकनीकी रिपोर्ट पेश करने राज्य सरकार को चार हफ्ते की मोहलत दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को नियत की है। हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर को राज्य सरकार को िनर्देश दिया था कि जबलपुर की सीवर लाइनों और सड़कों की चीफ टेक्निकल एग्जामिनर से तकनीकी रिपोर्ट तैयार कराकर पेश की जाए। इसके लिए 6 सप्ताह का समय दिया गया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा की ओर से कहा गया कि सीवर लाइनों और सड़कों की तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सीवर लाइन की लंबाई 317 किलोमीटर है, इसलिए रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है, इसको देखते हुए रिपोर्ट पेश करने के लिए चार हफ्ते का समय दिए जाने का अनुरोध किया गया। डिवीजन बैंच ने रिपोर्ट पेश करने चार हफ्ते का समय दे दिया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी और कोर्ट मित्र अनूप नायर ने पक्ष रखा।
यह है मामला
जबलपुर की सीवर लाइनों और सड़कों को लेकर कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है, वहीं हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जा रही है। जनहित याचिका में कहा गया है कि जबलपुर में पिछले 14 साल से सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। इस काम पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक 25 प्रतिशत ही काम हो पाया है। अभी तक सीवर लाइनों को कॉलोनियों से नहीं जोड़ा गया है। याचिका में कहा गया है कि सीवर लाइनों की लेवलिंग भी सही तरीके से नहीं की गई है। सीवर लाइन के लिए जगह-जगह सड़कों को खोद दिया गया है। सीवर लाइनों के काम का इंटरनल ऑडिट भी नहीं किया गया है।
Created On :   16 Dec 2020 1:44 PM IST