सड़क हादसे में 4 कार सवारों की मृत्यु, मृतकों में 3 महिलाएं सतना की  

Four women died in road accident near karkhati panna
 सड़क हादसे में 4 कार सवारों की मृत्यु, मृतकों में 3 महिलाएं सतना की  
 सड़क हादसे में 4 कार सवारों की मृत्यु, मृतकों में 3 महिलाएं सतना की  

डिजिटल डेस्क,सतना/पन्ना। ककरहटी -सकरिया मार्ग पर शुक्रवार की रात एक कार के पलट जाने से कार में सवार 4 महिलाओं की मृत्यु हो गई। जबकि एक बालिका गंभीर रुप से घायल हो गई। बालिका को रीवा रेफर किया गया है। पुलिस ने बताया कि मृतकों में 3 महिलाएं सतना और एक अन्य ककरहटी की रहने वाली थी। बताया गया है कि ये हादसा कटनी निवासी कार के ड्राइवर मनोज गुप्ता (35) का संतुलन बिगड़ने से हुआ। हादसे की शिकार महिलाएं नागौद से ककरहटी एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थी।  मौके पर पहुंची ककरहटी चौकी प्रभारी जया सोनी ने बताया कि मृत महिलाओं की शिनाख्त मुन्नी पति राम लाल गुप्ता (50) निवासी बिरसिंहपुर (सतना),  ज्योति पति धर्मेंद्र गुप्ता (35)  निवासी नागौद (सतना), बड्डी गुप्ता पति रामसुंदर (35) निवासी कोलगवां (सतना) और एक अन्य अंजू पति लल्लू लाल (40) निवासी ककरहटी (पन्ना) के रुप में की गई है। जबकि गंभीर रुप से घायल ककरहटी निवासी 17 वर्षीया पूजा गुप्ता को रीवा रेफर किया गया है।

सिंह को स्पेशल कोर्ट ने दी क्लीन चिट 
बहुचर्चित इंदौर भूमि मामले में भोपाल स्थित एमपी- एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने विधानसभा के उपाध्यक्ष रह चुके पूर्व मंत्री डा.राजेन्द्र कुमार सिंह के अलावा 15 अन्य सभी को बाइज्जत बरी करते हुए क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में लोकायुक्त ने वर्ष 1998 में इन्दौर की स्कीम नंबर 54 की 26.5 एकड़ भूमि से संबंधित मामले में भ्रष्टचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) डी, 13(2) और  120 बी आईपीसी की धारा 34 के तहत कायमी की थी।

21 वर्ष चला मुकदमा 
प्रकरण के मुताबिक वर्ष 1964 में इंदौर विकास प्राधिकरण ने स्कीम नंबर-54 के तहत प्रायवेट लैंड का अधिग्रहण किया था। इसके विरुद्ध  प्रभावित पक्ष ने लोवर कोर्ट में अपील की थी। वर्ष 1995 में तबके पर्यावरण मंत्री बीआर यादव ने एक समझौते के तहत प्रभावित परिवार को 6.5 एकड़ जमीन वापस करने का सुझाव दिया था,परंतु जब प्राधिकरण ने रुचि नहीं ली तो प्रभावित पक्ष हाईकोर्ट चला गया। कोर्ट ने 2 माह के अंदर राज्य सरकार को मामले को निराकृत करने का आदेश दिया था। वर्ष 1998 में डा. राजेन्द्र सिंह समेत अन्य 15 के विरुद्ध लोकायुक्त ने कायमी की। ये अलग बात है कि डा. सिंह के कार्यकाल से अब तक उक्त जमीन शासन के पास यथावत है। प्रकरण पर 21 वर्ष तक विचारण चला।  
 

Created On :   18 May 2019 8:04 AM GMT

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