पुरानी साइकिल बेचने के चक्कर में लगा एक लाख 73 हजार का चूना, वापस मिली रकम

Fraud done worth one lakh 73 thousand in the affair of selling old cycle
पुरानी साइकिल बेचने के चक्कर में लगा एक लाख 73 हजार का चूना, वापस मिली रकम
फ्राड पुरानी साइकिल बेचने के चक्कर में लगा एक लाख 73 हजार का चूना, वापस मिली रकम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ओएलएक्स पर पुरानी साइकल बेंचने की कोशिश में एक 20 वर्षीय छात्र को 1 लाख 73 हजार रुपए से ज्यादा का चूना लग गया। मामला ठाणे जिले के वालीव इलाके का है। हालांकि शिकायत मिलने के बाद मीरा भायंदर वसई विरार की साइबर पुलिस की टीम ने सक्रियता दिखाई और ठगी के शिकार हुए व्यक्ति के पैसे आरोपी के हाथों में जाने से बचा लिया। पुलिस इंस्पेक्टर सुजीत कुमार गुंजकर ने बताया कि बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा शुभम श्रीवास्तव अपनी पुरानी साइकल बेंचना चाहता था। उसने इसके लिए ऑनलाइन सामान खरीद बिक्री के लिए इस्तेमाल होने वाले ऐप का सहारा लिया। साइकिल की तस्वीरें ऐप पर पोस्ट करने के बाद उससे एक व्यक्ति ने संपर्क किया। उसने शुभम से कहा कि वह साइकिल खरीदना चाहता है और साइकिल हाथ से न निकल जाए इसके लिए पैसे का ऑनलाइन भुगतान करने को भी तैयार है। शुभम को लगा कि इससे अच्छा क्या हो सकता है। इसके बाद आरोपी ने शुभम से कहा कि वह उसे पैसे भेजने के लिए वाट्सएप पर क्यू आर कोड भेज रहा है। इसे स्कैन करने के बाद पैसे खाते में आ जाएंगे। पैसे सही खाते में जा रहे हैं इसकी जांच के लिए आरोपी ने पहली बार सिर्फ पांच रुपए भेजने की बात कही। शुभम ने स्कैन किया तो उसके खाते में पांच रुपए आ गए। लेकिन वह ठग के झांसे में आ गया था और उसने आरोपी के कहने पर पहले अपने और फिर अपने पिता के मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन किया और दोनों खातों से कुल मिलाकर 1 लाख 73 हजार 859 रुपए निकाल लिए गए। खाते से पैसे निकाले जाने का संदेश मिलने के बाद शुभम और उसके पिता परेशान हो गए। आरोपी ने संपर्क तोड़ लिया तो दोनों शिकायत करने वालिव पुलिस स्टेशन पहुंचे। साइबर सेल ने भी समानांतर जांच शुरू की तो पता चला कि फ्लिपकार्ट, ईडी पे और पेटीएम जैसे पेमेंट गेटवे कंपनियों के जरिए लेन देन किया गया। साइबर सेल ने इन कंपनियों से संपर्क किया और ठगी गई सारी रकम बिना किसी कानून प्रक्रिया के तुरंत शुभम और उसके पिता के खाते में वापस कर दिए गए। मामले में ठगी करने वाले आरोपी की पहचान की कोशिश की जा रही है।  

भुगतान के लिए न करें क्यूआर कोड स्कैन

इंस्पेक्टर गुंजकर ने बताया कि लोगों को अनजान लोगों से ऑनलाइन लेन देन में सावधानी बरतनी चाहिए। ऑनलाइन पैसे हासिल करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं होती। साथ ही पासवर्ड भी तभी डालना होता है जब आपको भुगतान करना हो। उन्होंने कहा कि ठगी का शिकार होने पर जल्द से जल्द अपने बैंक और नजदीकी पुलिस स्टेशन से शिकायत करें तो पैसे वापस मिलने की संभावना बनी रहती है।   
 

Created On :   12 Sept 2022 9:09 PM IST

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