फर्जी रसीद थमाकर 15 हजार में दिए अस्थायी बिजली के कनेक्शन, किसानों को लगाया चूना

Fraudster took 15-15000 from farmers in the name of permanent electricity connection
फर्जी रसीद थमाकर 15 हजार में दिए अस्थायी बिजली के कनेक्शन, किसानों को लगाया चूना
फर्जी रसीद थमाकर 15 हजार में दिए अस्थायी बिजली के कनेक्शन, किसानों को लगाया चूना

डिजिटल डेस्क, कटनी। स्वयं को बिजली विभाग का कर्मचारी और विभाग के एक बड़े पद पर बैठे अधिकारी का रिश्तेदार बताकर शातिर युवक ने किसानों को बिजली कनेक्शन देने के नाम पर हजारों रुपए वसूल कर लिए। आरोपी ने किसानों को अस्थायी बिजली कनेक्शन देने की बात कही, जिस पर किसान राजी हो गए और आरोपी युवक को 15-15 रुपए दे दिए। युवक ने भी विभाग की फर्जी रसीद किसानों को थमा दी। जब किसानों को बिजली कनेक्शन नहीं मिला, तो उन्होंने इसकी शिकायत मप्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से की, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों की एफआईआर पर आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है।

मप्र विद्युत वितरण कंपनी की फर्जी रसीद के आधार पर किसानों को 15-15 हजार रुपए में अस्थाई विद्युत कनेक्शन देने का मामला प्रकाश में आया है। बिजली विभाग के अधिकरियों द्वारा की गई शिकायत के  बाद पुलिस ने शातिर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी युवक द्वारा विजयराघवगढ़ क्षेत्र के टीकर, परसवारा, गांजर आदि ग्रामों के किसानों को खेतों में विद्युत पंप कनेक्शन के लिए अस्थाई कनेक्शन दिए गए थे।

जानकारी अनुसार विजयराघवगढ़ थानांतर्गत ग्राम बंजारी निवासी अमर दाहिया पिता सोहनलाल दाहिया नामक युवक ने 15 सितंबर को एमपीईबी की फर्जी रसीद के जरिए और स्वयं को विभागीय कर्मचारी होने की बात कहकर ग्रामीण किसानों को अस्थाई कनेक्शन दे दिया। आरोपी द्वारा टीकर, गांजर, परसवारा आदि ग्रामों के दर्जन भर किसानों से 15-15 हजार रुपए नगद लेकर अस्थाई कनेक्शन के नाम पर फर्जी रसीद दिया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता दिलदार डाबर को मामले की भनक लगने पर उन्होंने मामले की जांच की, जिस दौरान फर्जी रसीद देकर अस्थाई कनेक्शन देने की पुष्टि हुई थी। हालांकि शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई गई थी, जिसके कारण मामला दब गया। स्थानांतरण के बाद नवागत कनिष्ठ अभियंता अनिल कुमार पनाडिया के सामने फर्जी रसीद का प्रकरण आया, जिसके बाद उन्होंने पुन: इसकी जांच की और सत्यता पाए जाने के बाद शिकायत थाने में दर्ज कराई।

फर्जीवाड़े की कलई खुलने के बाद भी कनिष्ठ अभियंता दिलदार डाबर द्वारा आरोपी के खिलाफ थाने में शिकायत न करना और मामले को दबाने की भूमिका निभाने से उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। सूत्रों की माने, तो आरोपी तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता का रिस्तेदार है, संभवत: इसी कारण उसे बचाने का प्रयास किया गया था। उपनिरीक्षक निर्मल तिवारी ने बताया कि नवागत अधिकारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी अमर दाहिया के विरुद्ध धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Created On :   16 March 2019 10:09 AM GMT

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