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विदेश से पच्चीस करोड़ रुपये का फंड दिलाने ने नाम पर ठगी

डिजिटल डेस्क जबलपुर। विदेश से 25 करोड़ रुपये चैरिटी के लिए दिये जाने का लालच देकर 7 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में मदन महल गुरुद्वारे के पीछे रहने वाले तनवीर सिंह सलूजा ने गढ़ा थाने में लिखित शिकायत दी थी कि वह रेत-गिट्टी का सप्लायर है। 20 सितम्बर को उसकी मुलाकात डॉ. एचएन ठाकुर से हुई थी। अधारताल धनी की कुटिया के पास रहने वाले डॉ. ठाकुर ने बताया कि वह एनजीओ को पैसा दिलाने का काम करता है। यदि वह 15 करोड़ की सम्पत्ति दिखाता है तो उसे 25 करोड़ रुपये दिये जायेंगे। उसने संभावना ट्रस्ट की फाइल बुलाई तो डॉक्टर ठाकुर का कहना था कि कम्पनी बुलवाने के लिये पाँच लाख रुपये अभी एवं जब कम्पनी आयेगी तो दो लाख देना पड़ेगा।
होटल में रूके थे ठग
25 सितम्बर को तनवीर अपने मित्र अशोक मिश्रा के साथ 5 लाख रुपये देने गया था। वहाँ उसे 5 लाख रुपये दिये गए। उसे डॉ. ठाकुर ने 8 अक्टूबर को सूचना दी कि कम्पनी के लोग ज्योति टॉकीज के सामने स्थित स्वय्म होटल में रुके हैं। तनवीर अपने मित्र अशोक मिश्रा के साथ ज्योति टॉकीज जब 9 अक्टूबर को अपराह्न चार बजे पहुँचे तो उन्हे रिसेप्शन पर रुकने को कहा। उसके बाद कमरा नम्बर 105 में बुलाया। वहाँ पहुँचे तो उन्हें डॉ. ठाकुर ने रनवीर सिंह, राजीव देव, अजेन्द्र सिंह से मिलवाया। उन्होंने कहा कि आपको कश्यप इलेक्ट्रॉनिक के नाम की दस लाख रुपये की नान कैंसिलेशन डी.डी बनवा कर देनी होगी, तब उसने राजीव देव से पूछा कि ये कहाँ की कम्पनी है, आपके आधार कार्ड की कॉपी चाहिये तो राजीव देव ने आधार कार्ड देने से मना कर दिया। उसने जब कश्यप इलेक्ट्रानिक के नाम पर फर्म नेट पर सर्च की तो उन्हें ऐसी कोई कम्पनी नहीं मिली। जब यह पता लग गया कि ठगने वाला गिरोह है और उनके साथ ठगी की गई है तो फिर ओमती पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस ने आरोपी डॉ. एचएन ठाकुर के साथ राजीव देव, उमेश कुमार, अजेन्द्र सिंह, प्रताप नारायण के साथ रनवीर सिंह तोमर, विपिन कुमार, आशीष कुमार, बसीरा इब्राहिम बाइहरसोलिया को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।