संसद की प्राक्कलन समिति के सांसद गिरीश बापट अध्यक्ष नियुक्त, लंबित राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्दा उठाया 

Girish Bapat appointed as president of Parliaments estimate committee
संसद की प्राक्कलन समिति के सांसद गिरीश बापट अध्यक्ष नियुक्त, लंबित राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्दा उठाया 
संसद की प्राक्कलन समिति के सांसद गिरीश बापट अध्यक्ष नियुक्त, लंबित राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्दा उठाया 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे से भाजपा सांसद गिरीश बापट को संसद की प्राक्कलन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के पहली बार चुने गए सांसद सुनील तटकरे के अलावा शिवसेना के सांसद विनायक राऊत सदस्य के तौर पर नियुक्त किए गए है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा स्थापित इस समिति में अध्यक्ष समेत 30 सदस्य शामिल है। समिति के अन्य सदस्यों में सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड, बसपा सांसद कुंवर दानिश अली, सांसद पी पी चौधरी, सांसद राजीव प्रताप रुडी, डीएमके सांसद दयानिधि मारन, सांसद सुदर्शन भगत, सांसद के सी पटेल, टीडीपी सांसद केसीनेनी श्रिनिवास आदि सदस्यों के साथ समिति में एक महिला संगीता कुमारी सिंह देव को भी स्थान दिया गया है। यह समिति 24 जुलाई 2019 से 30 अप्रैल 2020 तक कार्यरत रहेगी। वर्ष 1950 से अब तक संसद की प्राक्कलन समिति ने केन्द्र सरकार के विभिन्न विभाग और मंत्रालय से संबंधित 1121 रिपोर्ट प्रस्तुत किए है।   

सांसद बापट ने लंबित राष्ट्रीय राजमार्गों का मसला लोस में उठाया 

भाजपा सांसद गिरीश बापट ने केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी से पुणे संसदीय क्षेत्र में लंबित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का काम जल्द पूरा करने का आग्रह किया है। उन्होने यह मसला शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया। बापट ने पुणे-सतारा राजमार्ग, नासिक-पुणे राजमार्ग, पुणे-सोलापुर राजमार्ग तथा पुणे-सासवड सड़क परियोजनाओं का चौड़ीकरण करने में आ रही बाधाओं की ओर गडकरी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होने कहा कि इन सड़क परियोजनाओं का काम वर्षों से लंबित है जिसे शीघ्र पूरा किए जाने की जरूरत है। पुणे जिले में चारो तरफ से बढ़ते यातायात का हवाला देते हुए बापट ने कहा कि अगर जल्द ही यह परियोजनाएं कार्यान्वित नहीं हुईं तो पुणे के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहंुचने में विलंब, पेट्रोल की अधिक खपत, समय की बर्बादी, पर्यावरण प्रदूषित होने आदि के चलते देश को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 
 

Created On :   26 July 2019 6:58 PM IST

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