- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- दिव्यांग पिता के लिए स्टेशन पर...
दिव्यांग पिता के लिए स्टेशन पर घंटों भटकने के बाद मिली व्हील चेयर

डिजिटल डेस्क जबलपुर। पमरे मुख्यालय के स्टेशन पर जहां रेल प्रशासन यात्री सुविधा उपलब्ध होने का दावा करता है, वहीं उसके दावो की पोल खुल गई। सोमवार की सुबह एक दिव्यांग की बेटी अपने पिता को प्लेटफार्म नंबर 4-5 से बाहर ले जाने के लिए 3 घंटे तक व्हील चेयर के लिए स्टेशन पर भटकती रही। इस घटना का सबसे दुर्भाग्यजनक पहलू यह था कि उसके साथ उसका नाबालिग छोटा भाई भी था, जो मानसिक रूप से अशक्त है, वहीं कई कुलियों से उसने व्हील चेयर में पिता को प्लेटफार्म के बाहर ले जाने के लिए मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कुली नहीं पसीजे वे उनसे 4 सौ रुपए की मांग करते रहे। काफी भटकाव के बाद किसी ने उसे बताया कि प्लेटफार्म नंबर 1 पर डिप्टी एसएस के कक्ष में व्हील चेयर मिलेगी, तब जाकर वहां से वह व्हील चेयर लेकर आयी और पिता को बाहर ले गई।
रेलवे स्टेशन पर सुबह साढ़े पांच बजे अपने परिजनों के साथ जबलपुर पहुंची 17 वर्षीय किरण की हिम्मत की कई यात्री तारीफ करते रहे, यह इसलिए कि वह अपने पिता राजेंद्र छत्री, मां सरिता व मानसिंग विकलांग भाई आयुष के साथ ट्रेन संख्या 11471 इंदौर-जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस से जबलपुर पहुंची, तब से सुबह 8.30 बजे तक वह पांच नंबर प्लेटफार्म से 6 नंबर के बार-बार चक्कर व्हील चेयर लाने के लिए काटती रही। जहां पर उसे बार-बार निराश होना पड़़ा। प्लेटफार्म नंबर 6 पर स्थित वेटिंग रूम के अटेंडेंट ने यहां पर व्हील चेयर नहीं होने की बात कहते हुए टरका दिया, लेकिन यह जानकारी नहीं दी कि इतने बड़े रेलवे स्टेशन पर व्हील चेयर कहां पर मिलेगी। किरण कई कुलियों के सामने गिड़गिड़ाती रही पर किसी ने भी उसकी कोई मदद नही की। लेकिन ज्यादा कमाई के लालच में कुलियों ने 4 सौ रुपए जरूर मांगे, कुलियों ने भी यह नहीं बताया कि व्हील चेयर कहां मिलेगी। अंत में परेशान किशोरी को एक वेंडर ने बताया कि व्हील चेयर प्लेटफार्म नंबर 1 पर स्थित डिप्टी एसएस के कक्ष में मिलेगी। किशोरी जब वहां पर पहुंची तब उसे व्हील चेयर उपलब्ध हो सकी।
रेम्प पर नहीं खींची तो रेल लाइन से ले गई
किरण अपने विकलांग पिता राजेंद्र छत्री निवासी वार्ड नंबर 1 नैनपुर को वह प्लेटफार्म नंबर 6 पर ले जाने के लिए पहले रेम्प के पास पहुंची, लेकिन उसमें इतनी शक्ति नहीं थी कि वह अपने पिता की व्हील चेयर अकेली रेम्प पर चढ़ा सके, बाद में उसने हिम्मत करके प्लेटफार्म के कटनी छोर से नीचे उतरते हुए ट्रेक पार कर 6 नंबर पर अकेले दम पर ले गए। स्टेशन पर मौजूद किरण के साहस को सभी ने सराहना की।

Created On :   26 Sept 2017 4:54 PM IST