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50 लाख का लक्ष्य, मत्स्य विभाग ने बांटे महज 15 लाख मत्स्य बीज

डिजिटल डेस्क,शहडोल। एक ओर मौसम की मार तो दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों की सुस्ती का असर मत्स्य पालन में देखने मिल रहा है। शहडोल के मत्स्य पालक किसान बीज के लिए भटकते नजर आ रहे हैं। बारिश का आधे से ज्यादा सीजन बीत गया है ,लेकिन किसानों को मछली के बीज नहीं मिल पाए हैं। जिले में मत्स्य बीज वितरण का लक्ष्य 50 लाख बताया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ 15 लाख बीजों का वितरण हो सका है।
गौरतलब है कि जिन किसानों ने तालाबों को पट्टे पर लिया है और जिन किसानों के खेतों में पर्याप्त पानी है, वो किसान बीज नहीं मिलने के कारण चाहकर भी मछली का पालन नहीं कर पा रहे हैं। चांपा से आए सुजान सिंह एवं लालमन बैगा ने बताया कि वह अपने खेत में मछली पालन करना चाहता हैं, लेकिन यहां मत्स्य बीज नहीं मिल रहा है। विभाग के लोग कहते हैं 16 तारीख के बाद सिमरिहा से बीज मिलेगा, अभी बीज उपलब्ध नहीं है। मत्स्य बीज उत्पादन के लिए मत्स्य पालन विभाग के कार्यालय परिसर में ही तालाबों का निर्माण किया गया है। इन तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए गौण खनिज मद से 9 लाख रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन इनमें पानी की कमी से मत्स्य बीज का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। तालाब में पानी भरने के लिए ट्यूबवेल का सहारा लिया जा रहा है। यहां नए ट्यूबवेल का खनन करने की बजाय पुराने की ही सफाई करके काम चलाया जा रहा है।
मत्स्य अधिकारी संतोष चौधरी का कहना है कि बारिश की कमी से मत्स्य बीज उत्पादन प्रभावित हुआ है। मुख्यालय के तालाब में मत्स्य बीज उपलब्ध नहीं है। सिमरिहा एवं ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर से मत्स्य बीज वितरित किए जा रहे हैं। 50 लाख मत्स्य बीज लक्ष्य के में से अभी तक 15 लाख बीजों का वितरण किया चुका है।
Created On :   13 Aug 2017 10:51 AM IST