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गोदरेज एंड बॉयस कंपनी का विवादित जमीन पर कोई मौलिक अधिकार नहीं- सरकार का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए ली जा रही विवादित जमीन को लेकर गोदरेज एंड बॉयस कंपनी का मौलिक अधिकार नहीं है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि इस मामले में कंपनी के अधिकारो का हनन हो रहा है। लिहाजा जमीन अधिग्रहण को लेकर कंपनी की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया जाए। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि बुलेट परियोजना को लेकर कंपनी को जिस जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है उसके स्वामित्व के लेकर राज्य सरकार के साथ विवाद है। इसके बवाजूद सरकार ने जमीन को लेकर कंपनी को मुआवजे की पेशकस की है। इसके अलावा जिस जमीन को लेकर कंपनी के साथ विवाद चल रहा है वह बंजर व असमतल जमीन है। इस लिहाजा से भी देखा जाए तो इस मामले में कंपनी के किसी मौलिक अधिकार का हनन नहीं हो रहा है।
न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एमएम साठे की खंडपीठ के सामने जमीन अधिग्रहण को लेकर राज्य सरकार की ओर से घोषित 264 करोड़ रुपए के मुआवजे के निर्णय को चुनौती देनेवाली गोदरेज एंड बॉयस कंपनी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान श्री कुंभकोणी ने कहा कि यदि कंपनी को मुआवजे की राशि से संतुष्टि नहीं मिल रही है तो उसके पास जमीन अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत दूसरे विकल्प भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि कंपनी की जमीन सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए ली जा रही है। इस लिहाज से कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया जाए।
Created On :   14 Dec 2022 10:58 PM IST