भंडारा जेल पर गोंदिया के कैदियों का भी बोझ

डिजिटल डेस्क, भंडारा. 343 कैदियों की क्षमता वाले भंडारा जिला कारागृह में सोमवार 9 जनवरी को कुल 398 कैदी थे। इसमें भंडारा जिले के केवल 150 कैदी हैं, जबकि लगभग ढाई सौ कैदी गोंदिया जिले के हैं। गोंदिया जिला 1999 में बना था। दो दशकों के बाद भी जिले में अलग कारावास नहीं बन सका। इसलिए भंडारा के जिला कारागृह प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता जा रहा है। 343 क्षमता वाले कारागृह में कुछ दिन पूर्व 550 कैदी थे। ऐसे में गोंदिया जिले के कैदियों का बोझ भंडारा का कारागृह प्रशासन कब तक उठाएगा। यह सवाल सामने आ रहा है। बता दें कि, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश की सीमा से जुड़े गोंदिया जिले में सर्वाधिक अापराधिक घटनाएं घटित होती है। इस कारणवश यहां कैदियों की संख्या भी अधिक है, लेकिन गोंदिया जिले में कारागृह न होने से इसका सीधा असर भंडारा के कारागृह पर पड़ता है। यहां मौजूद बैरक में संपूर्ण वर्ष अतिरिक्त कैदी रहते हैं। कम कर्मचारियों में इतने अधिक कैदियों को सभी सुविधा देकर सुरक्षित रखने की चुनौती बनी रहती है।
उधर गोंदिया जिले में कारागृह बनाने हेतु जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास जमीन तय हो चुकी है, लेकिन निर्माण वर्षों से अटका हुआ है। गोंदिया जिले के कैदियों की भीड़ की वजह से कारागृह कर्मचारियों पर काम का तनाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही किसी तरह की अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
दो बैरक बनाने का प्रस्ताव भेजा है
भंडारा जिला कारागृह में वर्तमान में पांच बैरक होकर यहां पर अतिरिक्त कैदी रखे गए हैं। यह सभी बैरक अंग्रेजकालीन होने से इनकी हालत खस्ताहाल हो चुकी है। परिणामवश जिला कारागृह प्रशासन ने शासन को दो अतिरिक्त बैरक बनाने के लिए प्रस्ताव भी भेजा है। जो अब तक अधर में है। यही आलम कर्मचारियों के निवास स्थानों का है। कर्मचारियों के निवास स्थान जर्जर होकर बेकार हो गए हैं। परिणामवश यहां केवल पांच ही निवासस्थान ऐसे हैं, जिसका उपयोग कर्मचारी कर रहे हैं। बाकी कर्मचारियों को किराए के मकान में रहना पड़ता है। रात-बेरात कोई घटना होने पर कर्मचारियों के पहंुचने में काफी समय लग जाता है।
गोंदिया जिला कारागृह से वंचित
जहां नए जिले बनाए गए वहां पर कारागृह का निर्माण किया गया, लेकिन गोंदिया में ऐसा नहीं हुआ। गोंदिया जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार हैं। वहीं भंडारा जिले के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वयं उपमुख्यमंत्री होकर दोनों जिले से जुड़ी हुई इस समस्या का निराकरण कर सकते हैं। कारागृह कर्मचारियों के सामने क्षमता से अधिक कैदियों को संभालने की चुनौती है। ऐसे में गोंदिया जिले में कारागृह बनने पर ही कर्मचारियों को राहत मिल सकती है।
Created On :   11 Jan 2023 8:04 PM IST