Nagpur News: ओबीसी को लेकर कांग्रेस निकालेगी महामोर्चा, 25 लोगों की बनेगी समिति

ओबीसी को लेकर कांग्रेस निकालेगी महामोर्चा, 25 लोगों की बनेगी समिति
  • जीआर में पात्र शब्द हटाने को लेकर बढ़ा संदेह
  • 12 काे होगी प्रमुख नेताओं की बैठक
  • मूल ओबीसी समाज पर अन्याय

Nagpur News. ओबीसी आरक्षण को नुकसान नहीं होने देने की मांग के साथ कांग्रेस नागपुर में महामोर्चा निकालेगी। अक्टूबर में महामोर्चा के लिए 25 लोगों की नियोजन समिति बनेगी। 12 सितंबर को नागपुर में ही प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। मराठा समाज को आरक्षण के संबंध में दूसरे जीआर अर्थात शासनादेश में पात्र शब्द हटाने को लेकर संदेह बढ़ा है। माना जा रहा है कि मराठा समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण दिया जाएगा। शनिवार को रविभवन में विधानसभा के कांग्रेस के पार्टी नेता विजय वडेट्टीवार की उपस्थिति में बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद गुट सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि थे। नागपुर, भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली, चंद्रपुर, वर्धा, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाणा व वाशिम जिले के ओबीसी संगठनाें के पदाधिकारियों ने विविध सुझाव दिए।

मूल ओबीसी समाज पर अन्याय

वडेट्टीवार ने कहा है कि मूल ओबीसी समाज पर अन्याय किया जा रहा है। राज्य सरकार ने मराठा समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने के संबंध में निकाले पहले शासनादेश में पात्र शब्द का इस्तेमाल किया था। लेकिन दूसरे शासनादेश में पात्र शब्द हटा दिया गया। इसका अभिप्राय यह है कि मराठा समाज को ओबीसी से सकल आरक्षण दिया जा रहा है। ओबीसी के साथ इस अन्याय के विरोध में संघर्ष के लिए 25 प्रमुख लोगों की समिति गठित करके अक्टूबर में नागपुर में ओबीसी महामोर्चा निकाला जाएगा। ओबीसी के लिए संघर्ष में आर्थिक अड़चन नहीं आने दी जाएगी। मराठा समाज के लिए निकाले गए दूसरे शासनादेश से निश्चित ही ओबीसी समाज का नुकसान होगा। ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण निश्चित है। लेकिन 13 प्रतिशत ही मिल पाता है। मराठा को भी ओबीसी में आरक्षण देने से ओबीसी का अारक्षण संबंधी अधिकार समाप्त होगा।

आरएसएस है आरक्षण विरोधी

बैठक में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरक्षण के विरोध में है। संघ के विचारों के लोग सत्ता में है। उनसे कैसे अपेक्षा की जा सकती है कि ओबीसी आरक्षण को नुकसान नहीं होने देंगे। ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त करने का दांव चला जा रहा है। ओबीसी को न्याय के लिए दो स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। पहला संघर्ष न्यायालय स्तर पर न्याय के लिए होगा। विदर्भ से वकीलों के संगठन पूरी ताकत के साथ न्यायालय में ओबीसी का पक्ष रखेंगे। उन्हें ओबीसी संगठनों का समर्थन रहेगा। दूसरा संघर्ष आंदोलन के माध्यम से होगा। रविभवन में बैठक में विधानपरिषद सदस्य अभिजीत वंजारी, पूर्व सांसद खुशाल बोपचे, राकांपा शरद गुट के नेता शेखर सावरबांधे, ओबीसी अभ्यासक नागेश चौधरी, राकांपा अजित गुट के नेता ईश्वर बालबुधे, ज्ञानेश वाकुलडकर, किशोर लांबट, उमेश काेर्राम सहित अन्य पदाधिकारी थे।

Created On :   7 Sept 2025 9:44 PM IST

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