बैंक कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण में सरकार जानबूझकर देरी कर रही - रेड्डी

Government delaying revision of salary of bank employees - Reddy
बैंक कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण में सरकार जानबूझकर देरी कर रही - रेड्डी
बैंक कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण में सरकार जानबूझकर देरी कर रही - रेड्डी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन (इंबैफ) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ संजीव रेड्डी ने दावा किया कि केंद्र सरकार जानबूझकर बैंक कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण से जुड़ी वार्ताएं लंबा खींच रही है। कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मामले में खुद बातचीत की है और उनसे सम्मानजनक समझौते की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार दरअसल मजदूर और यूनियन विरोधी हैं और वे किसी से बात नहीं करना चाहते। यहां तक की भाजपा के ही संगठन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव से भी सरकार बातचीत नहीं कर रही है, इसलिए वह संगठन भी संयुक्त रुप से लड़ाई के लिए संयुक्त समन्वय समिति का हिस्सा बनना चाहती है। रेड्डी के मुताबिक केंद्र सरकार कोयला रक्षा रेलवे जैसे कोर सेक्टर में विनिवेश पर तुली हुई है और इनका निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार 8 से 12 घंटे तक काम करने का कानून बना रही है इसलिए इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन से भी हस्तक्षेप की मांग की गई है क्योंकि भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हस्ताक्षरकर्ता है और मजदूरों से जुड़े कानून इस तरह नहीं  बदले जा सकते।

वहीं इंटक के कार्यवाहक अध्यक्ष रामचंद्र खूंटिया ने कहा कि मौजूदा समय बैंक ही नहीं सभी क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बहुत कठिन है। लेकिन संगठन श्रमिकों के अधिकारों के लिए लगातार सरकार से लड़ाई लड़ता रहेगा। इंबैफ के महासचिव सुभाष सावंत ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के दौरान कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्हें मौखिक सहानुभूति तो दी जा रही है लेकिन समान मुआवजा और सेवा शर्तों से इनकार करके भेदभावपूर्ण  व्यवहार किया गया है। उन्होंने इन मुद्दों पर इंटक से हस्तक्षेप की मांग की है।   

 

Created On :   11 Aug 2020 8:26 PM IST

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