सरकार ने विधि को नहीं माना आवश्यक सेवा, लोकल ट्रेनों में वकीलों को यात्रा की अनुमति देने से इंकार 

Government did not consider to law service necessary
सरकार ने विधि को नहीं माना आवश्यक सेवा, लोकल ट्रेनों में वकीलों को यात्रा की अनुमति देने से इंकार 
सरकार ने विधि को नहीं माना आवश्यक सेवा, लोकल ट्रेनों में वकीलों को यात्रा की अनुमति देने से इंकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने विधि सेवा को आवश्यक सेवा के रुप में पहचान देने से इंकार कर दिया है। यही नहीं सरकार ने फिलहाल वकीलों के  उस निवेदन को भी अस्वीकार कर दिया है जिसमें कानूनी सेवा को आवश्यक सेवा में शामिल करने का आग्रह किया गया था। जिससे वे लोकल ट्रेन में सफर कर सके। शुक्रवार को राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को वकीलों के निवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अजय गडकरी की खंडपीठ के सामने राज्य के महाधिवक्ता श्री कुम्भकोणी ने कहा कि आपदा प्रबंधन व राहत तथा पुनर्वास विभाग के सचिव ने वकीलों के निवेदन को अस्वीकार करने के संबंध में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति में सुधार आने के बाद वकीलों को ट्रेन में सफर करने की इजाजत से जुड़े आग्रह को प्राथमिकता दी जाएगी। 

हाईकोर्ट में कई वकीलों ने याचिका दायर कर दावा किया था कि वकील न्यायदान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए उन्हें आवश्यक सेवा में शामिल किया जाए। साथ ही उन्हें लोकल ट्रेन में सफर की इजाजत दी जाए। क्योंकि बहुत से वकीलों के पास ऑनलाइन सुनवाई के लिए साधन नहीं हैं।  किंतु खंडपीठ ने सरकार की ओर से दिए गए जवाब को सुनने के बाद मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया। 
 
 

Created On :   7 Aug 2020 7:10 PM IST

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