भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों के दोषमुक्त होने के मामले में सरकार हुई गंभीर  

Government got serious in matter of acquittal officers in the corruption case
भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों के दोषमुक्त होने के मामले में सरकार हुई गंभीर  
तैयारी के साथ अदालत जाने का निर्देश  भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों के दोषमुक्त होने के मामले में सरकार हुई गंभीर  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अदालत में उचित तरीके से गवाही न देने से आरोपी के निर्दोष छूटने के मामले को अब राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। गुरुवार को प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने परिपत्र के जरिए अभियोग को मंजूरी देने वाले सक्षम प्राधिकारी के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत  भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम के तहत अभियोग मंजूर आदेश पर हस्ताक्षर के लिए सक्षम प्राधिकारी को गहराई से अध्ययन करके अदालत में गवाही के लिए जाना होगा। 

संबंधित सरकारी अभियोक्ता को अदालत में प्रत्यक्ष साक्ष्य देने से पहले सक्षम प्राधिकारी को गवाही की पूरी तैयारी करानी होगी। इस बारे में राज्य के गृह विभाग को संबंधित सरकारी अभियोक्ता को सूचित करना होगा। अभियोग को मंजूरी देने वाले सक्षम प्राधिकारी को गवाही देने से पहले कागजात का अध्ययन करना होगा। एसीबी से प्राप्त मंजूरी संबंधित प्रस्ताव, विधि व न्याय विभाग के अभिप्राय के बारे में अध्ययन करना होगा। सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 के तहत अभियोग मंजूरी देने के आदेश पर उप सचिव दर्जे के अधिकारी को हस्ताक्षर करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। मंजूरी आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी को अदालत में गवाही के लिए उपस्थित रहना पड़ता है। लेकिन ऐसा संज्ञान में आया है कि गवाही के दौरान अदालत में पेश होने वाले अधिकारी उचित जवाब नहीं दे पाते हैं। अदालत में उचित तरीके से गवाही न देने पर अभियोग की मंजूरी अवैध साबित होती है। आरोपी निर्दोष और बिना दोषारोपण के छूट जाते हैं। 

सिर्फ 17 मामलों में सजा

साल 2021 में एसीबी ने भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में 773 मामलों में 1099 आरोपियों पर शिकंजा कसा लेकिन सिर्फ 96 मामलों में ही आरोपपत्र दाखिल कर पाई। 608 मामलों की जांच साल बीत जाने के बाद भी प्रलंबित थी। 53 मामलों में सरकार या संबंधित अधिकारी ने जांच आगे बढ़ाने की भी मंजूरी नहीं दी। साल 2021 में एसीबी सिर्फ 17 मामलों में 18 आरोपियों को सजा दिला पाई।

Created On :   27 Jan 2022 10:15 PM IST

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