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मेडिकल परीक्षा को लेकर नीति तैयार कर रही सरकार, हाईकोर्ट में दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह मेडिकल के स्नातकोत्तर (पीजी) के एमडी व एमएस कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा को लेकर नीति तैयार कर रही है। सहायक सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की खंडपीठ के सामने कहा की सरकार को रेजिडेंट डॉक्टरों व पीजी कोर्स के परीक्षार्थियों की चिंता है। अगले सप्ताह इस विषय पर बैठक की जाएगी और इस मुद्दे पर निर्णय किया जाएगा, चूंकि इस मामले में परीक्षा की समय सारणी व सुरक्षा से जुड़े कदम भी उठाने हैं। इसलिए निर्देश लेने के लिए थोड़ा समय दिया जाए।
खंडपीठ के सामने डॉ निशांत गब्बर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (नाशिक) को पीजी कोर्स परीक्षा की तारीख घोषित करने का निर्देश दिया जाए। कोरोना के प्रकोप के चलते दो बार यह परीक्षा टाली जा चुकी हैं। याचिकाकर्ता फिलहाल मुंबई के जी एस मेडिकल कॉलेज में एमएस की पढ़ाई कर रहे हैं। अब वे न्यूरोलॉजी विषय पर आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रवेश परीक्षा भी दी थी। जिसमें वे सफल हो गए हैं। अब उन्हें एमएस परीक्षा के उत्तीर्ण सर्टिफिकेट की जरूरत है। ताकि वे आगे के कोर्स में दाखिला ले सकें। यदि परीक्षा नहीं हुई, तो वे आगे प्रतिष्ठित संस्थान में एडमिशन नहीं ले पाएंगे। अब तक परीक्षा होने के कारण उन्हें व उन जैसे सैकड़ों विद्यार्थियों को अपने आगे के एडमिशन की चिंता सता रही है। क्योंकि अब तक परीक्षा की तारीख नहीं तय हो पायी है।
सुनवाई के दौरान सहायक सरकारी वकील चव्हाण ने कहा कि पीजी कोर्स के बहुत से विद्यार्थी कोरोना की ड्यूटी में लगे हैं। सरकार को उनकी चिंता है। सरकार इनकी परीक्षा के आयोजन को लेकर नीति बना रही है। जल्द ही इस बारे में बैठक होगी। इसलिए सरकार को जवाब देने के लिए थोड़ा वक़्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि इस मामले में लिया जाने वाला निर्णय कोर्ट के आदेश के अधीन होगा।
Created On :   9 July 2020 5:45 PM IST