सरकारी जमीन करा ली थी अपने नाम, 30 साल बाद आई शासन के खाते में

Government land was made in its own name, after 30 years in the account of governance
सरकारी जमीन करा ली थी अपने नाम, 30 साल बाद आई शासन के खाते में
सरकारी जमीन करा ली थी अपने नाम, 30 साल बाद आई शासन के खाते में

एसडीएम ने की जाँच और खंगाले दस्तावेज तो आया पूरा चिट्ठा, सालीवाड़ा क्षेत्र की इस भूमि के बटांक भी हो गए थे
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सरकारी जमीन जहाँ भी खाली रहती है उस पर भी लोगों की नजर रहती है ऐसे ही एक मामले में जब एसडीएम ने सालीवाड़ा क्षेत्र में जाँच की तो लगभग ढाई एकड़ सरकारी जमीन जो घास मद की थी उसे एक व्यक्ति ने अपने नाम दर्ज करा लिया था और भूमि के बटांक भी हो गये थे। अनुविभागीय दण्डाधिकारी ने पूरे दस्तावेज खंगाले तो हकीकत सामने आई और 30 साल बाद फिर से भूमि शासन के नाम पर दर्ज कराने के आदेश दिये।
आदेश में  एसडीएम जबलपुर नम: शिवाय अरजरिया ने कहा कि हंसराज मलिक का नाम सालीवाड़ा की जिस जमीन में दर्ज है वह भूमि मप्र शासन के घास मद में दर्ज है। यह भूमि किस तरह इनके नाम पर दर्ज हुई इसके कोई दस्तावेज सुनवाई के दौरान उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं किये गये। अगर यह भूमि पट्टे में भी प्राप्त हुई है तो यह बिना सक्षम अधिकारी की परमीशन के बिना नहीं बेची जा सकती। उनके द्वारा ऐसे कोई दस्तावेज पेश नहीं किये गये जिससे यह पता चल सके कि यह भूमि उनकी है, जबकि जमीन वर्ष 1990 में शासन मद में दर्ज थी। उसके बाद इस जमीन का नामांतरण हंसराज मलिक ने करा लिया था।  इस भूमि को जिन लोगों ने खरीदा था उन्हें भी नोटिस जारी किये गये। इनमें से उत्प्रेक्षा केशरवानी ने जवाब में कहा कि उन्होंने वर्ष 1998 में बिलहरी निवासी परविंदर सिंह गिल से क्रय की थी। इसी तरह लखवीर सिंह ने जवाब में कहा कि उन्होंने यह जमीन 2010 में हंसराज मलिक से खरीदी थी। इस तरह भूमि के बटांक कराकर बेचा गया। प्रकरण की सुनवाई के बाद एसडीएम ने भूमि को फिर से शासन के मद में दर्ज करने के आदेश दिये।

 

 

 

Created On :   26 Dec 2020 1:34 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story