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डेढ़ सौ करोड़ रुपए की सरकारी जमीन परकरा दिया कब्जा

पीएचई, पशु चिकित्सालय और नहर के भूमि की कलेक्टर ने ली थी सुध, अफसर नहीं हटा सके अवैध कब्जा
डिजिटल डेस्क कटनी । कुर्सी बचाने के लिए अफसरों ने करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की सरकारी जमीन को अतिक्रमणकारियों के हाथों में सौंप दिया। कलेक्ट्रेट के समीप पीएचई की 25 करोड़ की भूमि में पीएमआवास के नाम पर ऑलीशान बंगले बन गए। पिपरौंध और अमेहटा जलाशय की करीब 60 करोड़ की नहर को भी दबंग निगल गए। यहां तक की एनकेजे उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की भूमि में भी अतिक्रमण की काली साया मंडरा रही है। झिंझरी में पशु चिकित्सालय परिसर की सत्तर फीसदी भूमि में कॉलोनी बस गई है। सरकार ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ टेढ़ी नजर की और अफसरों को खुली छूट देते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए तो अब परदे के पीछे से राजनीतिक दवाब के आगे अफसरों के हांथ बंधे हुए हैं।
यहां बन गई सडक़-नाली
कलेक्ट्रेट के समीप पीएचई की भूमि में चारों तरफ अतिक्रमण का बोलबाला है। आलम यह है कि परिसर के अंदर बनाई गई चहरदीवारी में भी एक कब्जाधारी ने ऑलीशान बंगला बना लिया है। एक वर्ष पहले युद्ध स्तर पर यहां से अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम और राजस्व के अधिकारी पहुंचे थे। परिसर के अंदर से अवैध मकान हटाने के लिए अधिकारियों ने तीन दिन का समय दिया था। एक वर्ष बाद भी यह मकान बना हुआ है। 25 करोड़ की इस सरकारी भूमि में कॉलोनी भी बसी है। चार एकड़ आवंटित भूमि में पीएचई की कब्जा महज एक एकड़ में ही है।
Created On :   13 Feb 2021 6:13 PM IST