- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- नदी नियमन को लेकर चार माह में सरकार...
नदी नियमन को लेकर चार माह में सरकार बनाए नीति - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह चार महीने के भीतर नदी नियमन को लेकर नीति बनाए। हाईकोर्ट ने नाशिक की गोदावरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आश्वस्त करने को कहा है कि नदीं के संरक्षण के लिए गोदावरी पुलिस दल का गठन किया जाए और नदी के संरक्षण के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया जाए। अदालत ने नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी को नदी में होने वाले प्रदूषण, नदीं के किनारे होने वाले अतिक्रमण व अवैध निर्माण कि शिकायतों के लिए अलग से वेबसाइट बनाने का निर्देश दिया। जिसमें लोग तस्वीरों के माध्यम से अपनी शिकायत अपलोड कर सकें। शिकायत के लिए ईमेल व व्हाट्सएप नंबर की सुविधा भी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कमेटी नीरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बना कर काम करे और वेबसाइट पर मिलनेवाली शिकायतों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट हर तीन महीने में वेबसाइट में अपलोड की जाए। सरकार कमेटी को काम के लिए जरुरी बुनियादी सुविधाएं व निधि उपलब्ध कराए। ताकि वह प्रभावी ढंग से अपना काम कर सके।
हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी गोदावरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर अपनी पहली रिपोर्ट 10 जून 2019 को पेश करे। सामाजिक कार्यकर्ता व नाशिक निवासी राजेश पंडित ने गोदावरी नहीं को प्रदूषण मुक्त बनाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एके मेनन की बेंच ने कहा कि गोदावरी देश की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। इसे प्रदूषण मुक्त बनाने में नाशिक महानगरपालिका को भी जरुरी कदम उठाने को कहा गया है। बेंच ने कहा कि जब भी गोदावरी तट पर कोई धार्मिक उत्सव जैसे कुंभ मेला का आयोजन हो तो महानगरपालिका बैनर-पोस्टर व दूसरे माध्यमों से नदीं को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए लोगों को जागरुक करें। बेंच ने कहा कि हर नागरिक का यह बुनियादी दायित्व है कि वह नदियों को प्रदूषण मुक्त रखे और उसका संरक्षण करे। बेंच ने नाशिक महानगरपालिका को नागरिकों के इस दायित्व को लेकर व्यापक प्रचार–प्रसार करने का आदेश दिया है। बेंच ने कहा कि लोगों को यह भी बताया जाए कि नदियों को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जागरुकता फैलाने के लिए नाशिक महानगरपालिका गैर सरकारी संस्थाओं, कालेज के छात्रों व महाराष्ट्र विधि सहायत केंद्र से भी सहयोग ले। बेंच ने सरकार को नदीं को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जरुरी सतर्कता बरतने को कहा है।
जाति वैधता प्रमाणपत्र के 79 हजार मामले प्रलंबित- दाखिल हुई याचिका
बांबे हाईकोर्ट ने जाति पड़ताल कमेटी के गठन, नियुक्ति और उसे कामकाज के लिए जरुरी सुविधाएं व संसाधन दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। शिवेश्वर आदिवासी बहुउद्देश्यी संस्था की ओर से इस विषय पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। मंगलवार को मुख्य जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आनंद सिंह ने कहा कि नियमानुसार सचिव स्तर के अधिकारी को कमेटी का चेयरमेन बनाया जाना चाहिए। लेकिन अतिरिक्त जिलाधिकारी को कमेटी का चेयरमेन बनाया जाता है। इसी तरह सदस्यों की नियुक्ति में भी नियमों का पालन नहीं होता है नियुक्तियों में राजनीतिक दखल होता है। इसलिए जैसे श्रम न्यायालय व सहकारिता कोर्ट में नियुक्ति हाईकोर्ट के माध्यम से की जाती है, उसी तरह जाति पड़ताल कमेटी के चेयरमेन व सदस्यों की नियुक्ति हाईकोर्ट के माध्यम से हो।
उन्होंने कहा कि 36 में से सिर्फ 15 जाति पड़ताल कमेटी में चेयरमेन है बाकी जगहों की कमेटी के चेयरमेन के पद रिक्त हैं। कई जगहों पर एक कमेटी के चेयरमेन को दूसरी कमेटी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी भी राज्य भर में जाति वैधता प्रमाणपत्र के 79 हजार मामले में प्रलंबित है। अनुसूचित जनजाति के भी कई मामले लंबित है। जबकि वर्ग एक व दो श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति जाति वैधता प्रमाणपत्र के बिना नहीं होती है। कमेटी को जरुरी सुविधाएं न देने से छात्रों को भी जाति व वैधता प्रमाणपत्र हासिल करने में विलंब होता है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है। इस पर बेंच ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी को इस मामले को देखने को कहा और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
Created On :   18 Dec 2018 9:33 PM IST