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दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने पर तीन माह में पुनर्विचार कर निर्णय करे सरकार याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने पर दिव्यांग अधिकार अधिनियम-2016 की धारा 24 के प्रकाश में पुनर्विचार कर निर्णय किया जाए। इसके लिए तीन माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन और निर्णय की प्रति पेश करने का निर्देश दिया है। इंदौर निवासी आदित्य तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में दिव्यांगों को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी, जिसे हाल ही में बढ़ाकर 600 रुपए किया गया है। यह पेंशन वर्ष 2011 के अनुसार दी जा रही है। वहीं राजधानी दिल्ली में दिव्यांगों को 2500 रुपए पेंशन दी जाती है। याचिका में कहा गया कि मध्य प्रदेश में यह प्रावधान है कि 6 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को ही दिव्यांग पेंशन दी जाएगी। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि दिव्यांगता के ज्यादातर मामले जन्मजात होते हैं, इसलिए दिव्यांग पेंशन के लिए उम्र का बंधन लागू करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को बहुत ही कम पेंशन मिल रही है। दिव्यांग अधिकार अधिनियम-2016 की धारा 24 (1) के अनुसार दिव्यांग पेंशन बढ़ाई जाए। डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण करते हुए राज्य सरकार को दिव्यांग पेंशन बढ़ाने पर तीन माह में पुनर्विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
Created On :   5 Feb 2021 2:44 PM IST