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बीच टकराव के बावजूद सरकार ने राजभवन के खर्च को लेकर दिखाई उदारता
डि़जिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच लगातार तनातनी की खबरों के बावजूद राज्य सरकार राजभवन द्वारा किए जा रहे खर्च को लेकर उदारता दिखा रही है। यही वजह है कि राजभवन का खर्च पिछले दो सालों में 18 करोड़ रुपए बढ़ा है। राज्य सरकार भी लगातार राजभवन के लिए बजटीय प्रावधान में इजाफा कर रही है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक राजभवन को पिछले दो सालों में 60 करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किए गए हैं। गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से राजभवन कार्यालय को दिए गए अनुदान की जानकारी मांगी थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले पांच सालों में आवंटित राशि और वास्तविक खर्च की जानकारी उपलब्ध कराई है। वित्तवर्ष 2017-18 में राजभवन के लिए 13 करोड़ 97 लाख 23 हजार रुपए का प्रावधान किया गया था राज भवन कार्यालय ने इसमें से 12 करोड़ 49 लाख 72 हजार रुपए खर्च किए थे। वित्तवर्ष 2021-22 तक राजभवन के लिए आवंटित राशि बढ़ाकर 31 करोड़ 23 लाख 66 हजार रुपए आवंटित किए थे जबकि इस दौरान राज्यपाल कार्यालय ने कुल 27 करोड़ 38 लाख 56 हजार रुपए खर्च किए। गलगली के मुताबिक महाविकास आघाडी सरकार सत्ता में आने के बाद राज्यपाल कार्यालय पर ज्यादा उदारता दिखा रही है। पिछले दो सालों में राज्यसरकार ने 60 करोड़ 89 लाख 58 हजार रुपए आवंटित किए हैं जिनमें से 53 करोड़ 30 लाख 92 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। गलगली ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र भेजकर राजभवन कार्यालय के बढ़े हुए खर्च की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है साथ ही खर्च का ऑडिट कर इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए।
लगातार बढ़ रहा राज्यपाल कार्यालय का खर्च
वित्तवर्ष आवंटित राशि वास्तविक खर्च
2017-18 1397230000 124972000
2018-19 158456000 137177000
2019-20 199286000 176360000
2020-21 295092000 259236000
2021-22 313866000 273856000
Created On :   16 May 2022 9:08 PM IST