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मराठा समाज को स्थाई आरक्षण देना चाहती है सरकार, सीएम ने कहा- हिंसा से दुखी हूं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संयुक्त महाराष्ट्र निर्माण के बाद मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सबसे पहली मेरी सरकार ने कानून बनाया, लेकिन इस कानून पर अदालत ने रोक लगा दी। इसके बावजूद हम मराठा समाज को आरक्षण देंगे और यह आरक्षण कानूनी तौर पर टिकाऊ होगा। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। मंगलवार को सरकारी अतिथि गृह सहयाद्री में ‘छत्रपती राजाराम महाराजांचे विचार’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण को लेकर कानूनी मसलों को नजरअंदाज कर यदि केवल भावनात्मक बातें की जाएंगी तो आक्रोश पैदा होगा लेकिन इससे आरक्षण नहीं मिल पाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण के लिए आगजनी और सरकारी संपत्ति के नुकसान की घटनाएं व्यथित करने वाली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए तत्काल अध्यादेश निकाले जाने की मांग हो रही है। लेकिन यह अध्यादेश अदालत में एक दिन भी नहीं टिक सकेगा। हमें सोचना होगा कि वास्तव में मराठा समाज को आरक्षण देना है अथवा केवल धोखा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज ने सबसे पहले मराठा समाज को आरक्षण दिया था। लेकिन आजादी के बाद यह आरक्षण समाप्त हो गया। मराठा समाज की मांग के मद्देनजर सरकार ने विधानमंडल में कानून पारित किया। लेकिन हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। इसके बाद यह जानकारी मिली कि मराठा समाज के पिछड़ेपन के सबूत के बगैर यह आरक्षण कानूनी रुप से नहीं टिक सकेगा। इसके लिए हमारी सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। आयोग इस बाबत अपनी रिपोर्ट देगा। आयोग से विनती की गई है कि वह रिपोर्ट जल्द से जल्द दे।
Created On :   31 July 2018 2:51 PM GMT