आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार बनाएगी समिति

Government will form a committee on the issue of conversion of tribals
आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार बनाएगी समिति
दोहरा लाभ लेने का मामला आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार बनाएगी समिति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आदिवासियों के जबरन और लालच देकर धर्मांतरण के मुद्दे पर राज्य सरकार समिति बनाएगी और इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर जरूरत पड़ने पर कानून में बदलाव के लिए केंद्र सरकार के पास जाएगी। राज्य के आदिवासी विकास मंत्री केसी पाडवी ने विधानसभा में यह आश्वासन दिया। भाजपा के डॉ अशोक उइके ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए आदिवासी इलाके में बड़े पैमाने पर धर्मपरिवर्तन के मुद्दे पर सदन का ध्यान खींचा था। उन्होंने दावा किया कि अब तक 80 लाख आदिवासी ईसाई धर्म और 12 लाख इस्लाम धर्म स्वीकार कर चुके हैं। धर्म बदलने के बाद भी ये लोग आदिवासी समाज के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। साथ ही ईसाई और मुस्लिम समाज को मिलने वाली सहूलियतों का भी फायदा उठा रहे हैं। दोहरा लाभ लेने से रोकने के लिए कानून की जरूरत है। इसके अलावा भाजपा के मंगलप्रभात लोढा ने मुंबई में भी बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन का दावा किया। जवाब में मंत्री पाडवी ने कहा कि आदिवासी कोई भी धर्म स्वीकार कर सकता है। आदिवासियों के धर्म परिवर्तन से जुड़ी संविधान की धाराएं 341, 342 बदलने का अधिकारी केंद्र सरकार के पास है। लेकिन फिलहाल कानून बदलने की जरूरत नहीं है। पाडवी ने यह भी कहा कि आदिवासी का धर्म कौन सा है इस पर भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील ने नाराजगी जताई और कहा कि मंत्री जिम्मेदारी से बात करें। भारतीय संविधान ने आदिवासियों को हिंदू माना है। सदस्यों की मांग के बाद मंत्री पाडवी ने समित बनाकर विशेषज्ञों की राय लेने की बात कही। 
 

Created On :   15 March 2022 9:11 PM IST

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