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जंगली हाथियों ने घर को किया क्षतिग्रस्त तो आर्थिक मदद देगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में जंगली हाथियों के कारण इमारत और घर क्षति होने पर अब राज्य सरकार की ओर से नुकसान भरपाई के रूप में आर्थिक सहायता मिल सकेगी। जंगली हाथी के कारण ईट और स्लैब की इमारत की क्षति होने पर प्रभावित व्यक्ति को नुकसान की राशि, अथवा सरकार से घर के लिए मंजूरी अथवा एक लाख रुपए इसमें से जो राशि कम होगी, वह नुकसान भरपाई के रूप में प्रदान की जाएगी। खपरैल, टीन, सीमेंट वाले घर और जानवरों के गौशाला के नुकसान होने पर नुकसान की राशि अथवा 50 हजार रुपए इसमें से जो कम होगा, वह अदा किया जाएगा। प्रदेश के वन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार आर्थिक सहायता देने संबंधी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। जंगली हाथी के कारण खेती के औजार, उपकरण अथवा बैलगाड़ी की हानि होने पर नुकसान की कीमत अथवा पांच हजार रुपए इसमें से जो राशि कम होगी, वह दी जाएगी। सुरक्षा दीवार और बाड़ की क्षति होने पर नुकसान की राशि अथवा दस हजार रुपए इसमें से राशि कम होगी, वह प्रभावित व्यक्ति को प्रदान की जाएगी।
वन परिक्षेत्र अधिकारी के पास करनी होगी शिकायत
किसानों को आर्थिक सहायता पाने के लिए जंगली हाथी के हमले से नुकसान होने पर घटना के तीन दिनों के भीतर पास के वन परिक्षेत्र के अधिकारी के पास शिकायत करना आवश्यक होगा। जंगली हाथी ने जिस संपत्ति अथवा सामग्री को नुकसान पहुंचाया होगा उसको पंचनामा होने तक घटना स्थल से हटाया नहीं जा सकेगा। किसी घटना की शिकायत प्राप्त होने पर वनपरिक्षेत्र अधिकारी, सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के कनिष्ठ अभियंता और पटवारी अथवा ग्रामसेवक की तीन सदस्यों वाली समिति 14 दिनों के भीतर पंचनामा करके नुकसान का मूल्यांकन कर विभागीय वन अधिकारी के पास रिपोर्ट भेजेगी। फिर विभागीय वन अधिकारी को समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के 4 दिनों के भीतर अथवा घटना की शिकायत प्राप्त होने के दिन से 23 दिनों के भीतर आर्थिक सहायता के प्रस्ताव पर फैसला लेना होगा।
विभागीय वन अधिकारी द्वारा मदद के लिए आदेश जारी करने के बाद 3 दिनों अथवा घटना की शिकायत मिलने के 26 दिनों के भीतर प्रभावित व्यक्ति के बैंक खाते में पैसा जमा करवाना होगा अथवा चेक हस्तांतरित करना है। वन जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए घर के क्षतिग्रस्त होने पर आर्थिक सहायता नहीं मिल सकेगी। जिस परिवार के चार से अधिक जानवर खुले में चरने के लिए जंगल में जाते हैं ऐसे परिवार को भी मदद नहीं मिल सकेगी। राज्य में फिलहाल जंगली हाथियों के कारण फसलों को होने वाले नुकसान के लिए भरपाई दी जाती है। लेकिन इमारत और घरों के नुकसान के लिए मदद करने का कोई प्रावधान नहीं था। अब सरकार ने नए शासनादेश के जरिए यह मदद देने के लिए मंजूरी दी है।
Created On :   17 Jun 2022 7:38 PM IST