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मराठा आरक्षण बचाने सुप्रीम कोर्ट में वकीलों का फौज उतारेगी सरकार, सिब्बल- सिंघवी करेंगे पैरवी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को बचाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की फौज उतारी है। जिससे राज्य सरकार मजबूत से अपना पक्ष कोर्ट में रख सके। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय को शिक्षा व नौकरी में दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी है। और मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया है। तब से इसको लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई हुई है। मराठा आरक्षण राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है
सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण पर लगाई है अंतरिम रोक
मराठा आरक्षण के मामले में आए इस निर्णय ने राज्य सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। इससे राज्य में अब दोबारा मराठा आंदोलन की सुगबुगाहट होने लगी है। और ठाकरे सरकार ऐसा नहीं चाहती। इसलिए वह हर हाल में मराठा आरक्षण को दोबारा बहाल कराना चाहती है। लिहाज सुप्रीम कोर्ट में 24 वकीलों की फौज उतारने का फैसला लिया है। इसमें से 5 वकील सरकार की ओर से नियुक्त किए गए है, जबकि 19 वकील निजी तौर पर आरक्षण के समर्थन में दायर आवेदन पर पैरवी के लिए सरकार के ही पक्ष में खड़े होंगे। जिससे कानूनी मोर्चे पर सरकार की कोई कमजोरी न नजर आए।
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, परमजीत सिंह पटवालिया, विशेष अधिवक्ता विजय सिंह थोरात, अधिवक्ता राहुल चिटणीस पैरवी कर रहे हैं। इसके अलावा मराठा आरक्षण के समर्थन में निजी तौर पर डाले गए हस्तक्षेप आवेदन पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, पीएस नरसिंहा, चंदर उदय सिंह, रफीक दादा, विनय नवरे, देवदत्त कामत,अधिवक्ता शिवाजी जाधव, सुधांशु चौधरी संजय खरडे पाटील, संदीप देशमुख, दिलीप तौर, अमोल सूर्यवंशी, प्रशांत केन्जले, कैलास औताडे, अमोल करंडे, श्रीराम पिंगले, जियो जोसेफ, स्नेहा अय्यर सहित अन्य वकीलों का समावेश है।
Created On :   16 Sep 2020 12:58 PM GMT