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अंगदान को लेकर जारी अधिसूचना पर पुनर्विचार करेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है वह उस अधिसूचना पर पुनर्विचार करेगी जिसके तहत अंगदान करनेवाले व लेनेवाले से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन करने की जिम्मेदारी अस्पताल को सौपी गई है। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुभकोणी ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने उपरोक्त बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार अंगदान से जुड़ी पुरानी अधिसूचना को वापस लेकर नई सुधारित अधिसूचना जारी करने पर पुनर्विचार करेगी। खंडपीठ के सामने पुणे के एक अस्पताल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है जिसमें अंगदान को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसके तहत अंगदान को लेकर दस्तावेजों के सत्यापन का दायित्व अस्पतालों को सौपा गया है।
अस्पताल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एसआर नार्गोलकर ने कहा कि अस्पताल के अधिकारी व डाक्टर अंगदान करनेवाले व अंग लेनेवाले व्यक्ति की अनुकूलता की जांच कर सकते है। डाक्टर अंगदान से जुड़े कानूनी पहलू को परखने में सक्षम नहीं है। इसके साथ ही वे अंगदान से जुड़े पक्षकारों की पहचान के सत्यापन से जुड़ा कार्य नहीं कर सकते है। इन दलीलों को सुनने के बाद राज्य के महाधिवक्ता कुंभकोणी ने कहा कि आर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट के तहत प्राधिकरण कमेटी को अंगदान से जुड़े मामले से जुड़े पहलू की पड़ताल व सत्यापन करने का जिम्मा दिया गया है। इस विषय पर नई अधिसूचना जांच को और मजबूत करने के लिए जारी की गई है। लेकिन नई अधिसूचना में सुधार की जरुरत है। इसलिए हम इस संबंध में 11 अप्रैल को जारी अधिसूचना को वापस लेने पर विचार करेंगे।
Created On :   27 April 2022 9:01 PM IST