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पुलिस भर्ती में मराठा आरक्षण के लिए सरकार लेगी कानूनी सलाह, राणे ने साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने अगले कुछ महीनों तक राज्य में पुलिस विभाग में साढ़े 12 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। लेकिन इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। विधायक नितेश राणे ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि राज्य में सबसे बड़ी भर्ती का ऐलान उसी वक्त क्यों किया गया, जब मराठा आरक्षण को स्थगित कर दिया गया है। उधर शिवसंग्राम संगठन के अध्यक्ष विनायक मेटे ने गृहमंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात कर मांग की कि रिक्त पदों में से 13 फीसदी पद अलग रखे जाएं और अदालत से इजाजत लेकर उस मराठा समाज के युवाओं की ही नियुक्त किया जाए।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर कानूनी सलाह के बाद आगे कदम उठाएगी। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान गृहमंत्री अनिल देशमुख ने राज्य में 12 हजार 528 पुलिस पदों की भर्ती का प्रस्ताव रखा था जिसे मंजूरी मिल गई है। लेकिन मराठा समाज के लोग सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाने लगे हैं। मेटे ने एक वीडियो संदेश जारी कर मांग की कि सरकार पुलिस भर्ती में 13 फीसदी जगह मराठा समाज के लिए 13 फीसदी पद रिक्त रखे। इस पर मंत्रिमंडल में फैसला लिया जाए और सुप्रीमकोर्ट की इजाजत लेकर यह जगह भरी जाए। अगर सरकार ने ऐसा किया तो ही यह समझा जाएगा कि सरकार मराठा समाज के युवक युवतियों को आरक्षण देने के मुद्दे पर सकारात्मक है। वरना लोगों की नाराजगी सड़को पर दिखाई देना तय है। गृहमंत्री देशमुख ने भी एक वीडियो संदेश ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि मराठा समाज को न्याय देने की पूरी कोशिश की जाएगी। क्या मराठा समाज के लिए 13 फीसदी जगह अलग रखी जा सकती है सरकार इससे जुड़े कानूनी पहलुओं की जांच करेगी और मराठा समाज को न्याय देने की कोशिश की जाएगी। दरअसल साल 2019 में राज्य में पुलिस के 5297 पद खाली हुए हैं। 2020 में 6726 पद और नवगठित मीरा-भायंदर-वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय में पुलिस सिपाही के 505 पदों की भर्ती की जाएगी। सरकार ने खाली सभी 12 हजार 528 पदों को पूरी तरह भरने का ऐलान किया है।
राणे का निशाना
विधायक नितेश राणे ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी भर्ती मराठा आरक्षण स्थगित होने पर? जब तक मराठा आरक्षण फिर से लागू नहीं हो जाता मेगाभर्ती क्यों की जा रही है। आग में तेल डाला जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। नितेश के पिता और भाजपा सांसद नारायण राणे ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया है कि जब मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई की जा रही थी तब राज्य के मुख्यमंत्री ने महाधिवक्ता और विशेषज्ञों के साथ बैठक क्यों नहीं की। अब बैठक और चर्चा किसी काम की नहीं है। सरकार मराठा समाज की सहनशीलता खत्म करने की कोशिश न करे और जब तक आरक्षण नहीं लागू हो जाता तब तक सरकारी नौकरियों में भर्ती न करेे।
Created On :   18 Sept 2020 8:34 PM IST