ग्राम पंचायतें अपनी मर्जी से ले सकती हैं 'आपले सरकार सेवा केंद्र' शुरू करने का फैसला

Gram Panchayats can decide to start government service centre
ग्राम पंचायतें अपनी मर्जी से ले सकती हैं 'आपले सरकार सेवा केंद्र' शुरू करने का फैसला
ग्राम पंचायतें अपनी मर्जी से ले सकती हैं 'आपले सरकार सेवा केंद्र' शुरू करने का फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ग्राम पंचायतों को आपले सरकार सेवा केंद्र शुरू करने की बाध्यता नहीं है। ग्राम पंचायतें अपनी इच्छा के अनुसार आपले सरकार सेवा केंद्र शुरू करने का फैसला ले सकती हैं। मंगलवार को प्रदेश के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री दादाजी भुसे ने विधान परिषद में यह जानकारी दी। राज्यमंत्री भुसे ने कहा कि सेवा केंद्र शुरू करने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रस्ताव मंजूर करना होता है। इसके आधार पर ग्राम पंचायतों में सेवा केंद्र शुरू किए जाते हैं। प्रश्नकाल में कांग्रेस के सदस्य सतेज पाटील ने इस संबंध में सवाल पूछा था। इसके जवाब में भुसे ने बताया कि राज्य में 27 हजार 856 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें से 20 हजार 460 ग्राम पंचायतों में सेवा केंद्र शुरू हैं। इस दौरान सभापति रामराजे निंबालकर ने कहा कि ग्राम पंचायतों के इन सेवा केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन इंटरनेट सेवा के लिए जो स्पीड होनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। सभापति ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जियो मोबाइल सेवा का दायरा बढ़ा है। इसलिए संभव हो तो सरकार रिलायंस कंपनी से सेवा केंद्रों के नियमित  खर्च के लिए सीएसआर के माध्यम से निधि उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराए। 

चिखलदरा के प्रचार प्रसार के लिए निजी कंपनी की मदद लेगी सरकार 
अमरावती के चिखलदरा श्रीक्षेत्र बहिराम में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए निजी कंपनी की मदद से विज्ञापनों के जरिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के पर्यटक मंत्री जयकुमार रावल ने यह जानकारी दी। रावल ने बताया कि  चिखलदरा में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार के संबंधित विभागों की मदद ली जाएगी। चिखलदरा के विकास के लिए 1 करोड़ 7 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। रावल ने बताया कि श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर के विकास के लिए 20 करोड़ का प्रारूप मंजूर किया गया है। संत गाडगेबाबा समाधि स्थित ( वलगांव) के लिए 37.87 करोड़ रुपए का प्रारूप मंजूर किया गया है। प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य अनिल सोले ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 

29 सोनोग्राफी सेंटर हुए सील 
प्रदेश में नियमों का उल्लंघन करने वाले 29 सोनोग्राफी सेंटर को सील किया गया है। जबकि 21 सोनोग्राफी सेंटर के खिलाफ अदालती कार्रवाई शुरू है। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह जानकारी दी। डॉ सावंत ने बताया कि राज्य में 8036 सोनोग्राफी सेंटर है। प्रश्नकाल में शिवसेना की सदस्य नीलम गोर्हे ने प्रसव पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम को लागू करने को लेकर सवाल पूछा था। इस पर सावंत ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती जिले के लोगों द्वारा पड़ोसी राज्यों में जाकर गर्भलिंग जांच कराने की शिकायतें मिली हैं। सावंत ने बताया कि नियमों के अनुसार यदि कोई पड़ोसी राज्यों के सोनोग्राफी सेंटर में जाता है तो वहां के डॉक्टरों को मरीज से पूछना चाहिए कि आप कहां से आएं हैं और कहां पर रहते हैं। इसी पर फार्म भरा जाना चाहिए। इस बीच सावंत ने बताया कि सोनोग्राफी सेंटर में विभिन्न जांच के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं है। सावंत ने कहा कि  सोनोग्राफी सेंटर पर कोई एक पहचान पत्र देना पड़ता है इसमें आधार कार्ड को विकल्प के रूप में शामिल किया गया है। 

भंडारा: वन क्षेत्र में काटे गए 19 पेड़ 
भंडारा वन विभाग के लाखणी वन परिक्षेत्र के गोंडसावरी वनक्षेत्र में साग प्रजाति के 3 पेड़ और अन्य 19 पेड़ काटे गए हैं। प्रदेश के वन राज्य मंत्री राजे अम्ब्रीशराव आत्राम ने यह जानकारी दी। आत्राम ने बताया कि जांच के बाद पता चला है कि स्थानीय लोगों ने दैनिक कामकाज के लिए पेड़ों को काटा था। इस मामले की गहराई से जांच  लाखणी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी कर रहे हैं। आत्राम ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य भाई गिरकर ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 

Created On :   27 March 2018 5:30 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story