ग्रीन स्टोरी : बूढ़े पेड़ों को रिलोकेट कर बचा चुके हैं 2200 वृक्ष

Green Story: 2200 trees have been saved by relocating old trees
ग्रीन स्टोरी : बूढ़े पेड़ों को रिलोकेट कर बचा चुके हैं 2200 वृक्ष
ग्रीन स्टोरी : बूढ़े पेड़ों को रिलोकेट कर बचा चुके हैं 2200 वृक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यह उदय कृष्ण पेड्डीरेड्डी का पेड़ों से इश्क है कि वह पेड़ों को बिना काटे, कत्ल किए एक जगह से दूसरी जगह पर लगा देते हैं। पेड़ कितना ही बड़ा या पुराना क्यों न हो। वट फाउंडेशन के तहत पेड्डीरेड्डी ने वर्ष 2010 में यह काम शुरू किया था और आज तक वह करीब 2200 तक पेड़ों को बचा चुके हैं। भास्कर से बातचीत में उदय कृष्ण पेड्डीरेड्डी बताते हैं ‘मैं एक कॉन्ट्रैक्टर हूं, 2010 में हैदराबाद में एक फुटओवर ब्रिज बना रहा था जिसमें 16 पेड़ काटे जाने ज़रूरी थे। मैंने तय कर लिया था कि पेड़ नहीं काटूंगा। मैंने एक प्रयोग किया कि जेसीबी की मदद से बड़े-बड़े 20-20 साल पुराने पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह रिलोकेट किया, इन 16 में से 13 पेड़ बच गए थे, वहीं से पेड़ रिलोकेट करने का सिलसिला शुरू हुआ।’

पेशे से कॉन्ट्रैक्टर हैं फुटओवर ब्रिज प्रोजेक्ट में कट रहे पेड़ों को बचाने से की शुरुआत
सरकारी प्रोजेक्ट्स की राह में आने वाले पेड़ों को बचाने के लिए करते हैं रिलोकेट

पेड्डीरेड्डी के अनुसार उनकी संस्था केवल सरकारी प्रॉजेक्ट्स के तहत आने वाले पेड़ों को ही बचाती है। वह बताते हैं कि सरकार बिल्कुल भी पेड़ बचाना नहीं चाहती है। सरकारी प्रोजेक्ट्स में आने वाले पेड़ों को बचाने के लिए वट तीन बार अदालत भी जा चुकी है। अब वट को पेड़ रिलोकेट करने के लिए दूसरे राज्यों से भी फोन आने लगे हैं।

 

Created On :   7 Sept 2020 4:30 PM IST

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