अतिथि शिक्षकों को आज शाम तक ज्वाईन करने की मोहलत, फिर नहीं कर सकेंगे दावा

guest teacher can join their colleges till 14 october
अतिथि शिक्षकों को आज शाम तक ज्वाईन करने की मोहलत, फिर नहीं कर सकेंगे दावा
अतिथि शिक्षकों को आज शाम तक ज्वाईन करने की मोहलत, फिर नहीं कर सकेंगे दावा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। एमपी हाईकोर्ट से वर्ष 2016-17 के अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार की ओर से दिए गए बयान के बाद चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि इस सत्र के सभी अतिथि शिक्षक, जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और जिन्होंने नहीं भी की, वे सभी आज शाम 4 बजे तक अपने-अपने कॉलेज में ज्वाईन कर लें। उसके बाद कोई भी अतिथि शिक्षक ज्वाईनिंग का दावा नहीं कर सकेंगे। इसके बाद खाली रह जाने वाले पदों को हाईकोर्ट ने मेरिट के आधार पर भरने की स्वतंत्रता सरकार को देते हुए मामलों पर अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद करने के निर्देश दिए। 

गौरतलब है कि बरगी के शासकीय कॉलेज में स्पोर्टस ऑफीसर के रूप में काम कर रहे सचिन कोष्टा व अन्य की ओर से ये याचिकाएं दायर की गई हैं। आवेदकों का कहना है कि वर्ष 1993 से कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर व लायब्रेरियन सहित अन्य पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं की गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने और अन्य अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया था। उस याचिका पर हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देकर कहा था कि अतिथि शिक्षकों की नियमित नियुक्ति न होने तक याचिकाकर्ताओं को न हटाया जाए। मामले पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के संबंध में दायर अर्जी पर विचार करने के बाद युगलपीठ ने विस्तृत आदेश देते हुए पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश में संशोधन किया थे, जिससे अतिथि शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया था। 

मामलों पर शुक्रवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से युगलपीठ को बताया गया कि 26 सितंबर को युगलपीठ द्वारा दिए गए आदेश के बाद राज्य सरकार ने 4 अक्टूबर को एक परिपत्र जारी किया। इसके बाद 7 अक्टूबर को दूसरा परिपत्र जारी करके सिर्फ उन अतिथि शिक्षकों को ज्वाईनिंग की स्वतंत्रता दी, जिन्हें हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर करने के बाद अंतरिम आदेश मिले थे। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वर्ष 2016-17 के सत्र उन अतिथि शिक्षकों को भी ज्वाईनिंग का मौका दिया जा रहा, जिन्होंने कोर्ट में याचिकाएं दायर नहीं की हैं। इस बयान पर युगलपीठ ने 14 अक्टूबर की शाम 4 बजे तक का समय तय करके अतिथि शिक्षक के पदों पर ज्वाईनिंग के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता वृन्दावन तिवारी, अधिवक्ता एसडी गुप्ता और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने पक्ष रखा।

Created On :   13 Oct 2017 9:36 PM IST

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