आधी अधूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट ने ठुकराई -मामला रेप का

Half of incomplete report High court rejects the case of rape
आधी अधूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट ने ठुकराई -मामला रेप का
आधी अधूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट ने ठुकराई -मामला रेप का

डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेप के मामलों में पीडि़तों का डीएनए टेस्ट नहीं कराने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की आधी अधूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट ने ठुकरा दी है। जस्टिस जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने रिपोर्ट में संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर न होने को गंभीरता से लेते हुए दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने कहा है। गौरतलब है कि रीवा जिले के जनेह थानांतर्गत ग्राम मनकिया में रहने वाले सूरज पाल आदिवासी ने रेप व हत्या के मामले में जमानत पाने एक अर्जी सितंबर 2018 में हाईकोर्ट में दायर की थी। इस मामले पर 14 नवम्बर 2018 को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया था कि इस मामले में संबंधित थाना पुलिस ने डीएनए जाँच कराई ही नहीं है, जबकि हाईकोर्ट ने 4 मई 2016 को स्पष्ट आदेश दिए थे कि रेप से जुड़े हर एक मामले में डीएनए जाँच कराई जाए। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल 2019 को सुनवाई के बाद कहा था कि रेप के कितने मामलों में  पुलिस ने डीएनए टेस्ट नहीं कराया और इसके लिए जो भी पुलिस वाले दोषी हैं, उनकी सूची पेश की जाये। विगत 9 अगस्त को आगे हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं। मामले पर ओआईसी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उइके की ओर से पूर्व में पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया था कि 1 जुलाई 2018 से 31 अप्रैल 2019 तक प्रदेश में 4359 बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिसमें से 731 प्रकरणों में डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया था। इस पर हाईकोर्ट ने किस अधिकारी को क्या सजा दी गई, उसका ब्यौरा पेश करने के आदेश सरकार को दिए थे। मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर पेश की गई रिपोर्ट को ठुकराते हुए फिर से रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। 
 

Created On :   31 Jan 2020 8:09 AM GMT

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