हर्षद मेहता घोटाला : 10 आरोपी बरी, सबूत के अभाव में छूटे, 26 साल बाद फैसला 

Harshad Mehta scam: 10 accused acquitted in absence of evidence
हर्षद मेहता घोटाला : 10 आरोपी बरी, सबूत के अभाव में छूटे, 26 साल बाद फैसला 
हर्षद मेहता घोटाला : 10 आरोपी बरी, सबूत के अभाव में छूटे, 26 साल बाद फैसला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट की विशेष अदालत ने देश कि अर्थव्यवस्था को  बुरी तरह प्रभावित करने वाले 26 साल पुराने मामले में हर्षद मेहता सिक्योरिटी घोटाले के दस आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। हाईकोर्ट  ने यह फैसला सीबीआई की अोर से दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई के बाद सुनाया है। न्यायमूर्ति शालिनी फणसालकर जोशी ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि सीबीआई आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने में पूरी तरह से विफल रही है। इसके साथ ही उसने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कानून के तहत जरुरी मंजूरी नहीं ली है। मुकदमा चलाने की स्वीकृति पूरी तरह से कानून के अनुरुप न होकर तकनीकी नजर आ रही है। 

जिन आरोपियों को बरी किया गया है, उनमें से सात स्टेट बैंक आफ इंडिया व स्टेट बैंक आफ इंडिया कैपिटल मार्केट लिमिटेड (एसबीआई कैप) के कर्मचारी हैं। जबकि तीन मेहता फर्म में काम करते थे। आरोप था कि इन सभी ने मिलकर 24 ट्रांजक्शन के जरिए 105 करोड़ रुपए के सिक्योरिटी घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले के मुख्य आरोपी मेहता की मुकदमे की सुनवाई के दौरान जेल में साल 2001 में मौत हो गई थी। इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420,  409 व 120 बी व अन्य धाराओं के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। 

न्यायमूर्ति फणसालकर जोशी ने आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए 154 गवाहों के बयान व कई दस्तावेजी सबूत पेश किए लेकिन न्यायाधीश ने आरोपियों पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए इसे अपर्याप्त पाया और 26 साल पूराने मामले से सभी दस आरोपियों को बरी कर दिया। जिन आरोपियों को बरी किया गया है उसमे आर.सीतारमन, सी रविकुमार, अशोक अग्रवाल, जर्नादन बनर्जी,अश्विन मेहता, सुरेश बाबू, श्याम सुंदर गुप्ता, भूषण राउत व पी. मुरलीधरन शामिल है।

Created On :   5 Nov 2018 2:50 PM GMT

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