सहकारी बैंक घोटाले में क्लोजर रिपोर्ट दायर करने की तैयारी से हाईकोर्ट नाराज

HC angry on preparations for filing closure report in Cooperative Bank scam
सहकारी बैंक घोटाले में क्लोजर रिपोर्ट दायर करने की तैयारी से हाईकोर्ट नाराज
सहकारी बैंक घोटाले में क्लोजर रिपोर्ट दायर करने की तैयारी से हाईकोर्ट नाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस एफआईआर दर्ज किए बैगर कैसे किसी मामले को बंद करने के लिए कोर्ट में रिपोर्ट दायर कर सकती है। बांबे हाईकोर्ट ने  महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के 25 हजार करोड रुपए के कथित घोटाले के मामले में यह टिप्पणी की है। इससे पहले सरकारी वकील ने न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एसके शिंदे की खंडपीठ के सामने कहा कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक से जुड़े मामले की जांच सरकार के अलग-अलग विभाग से मिली जानकारी के आधार पर पूरी कर ली है। चूंकी इस प्रकरण में कोई अपराध नहीं हुआ है। इसलिए अब वह इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 169 के तहत रिपोर्ट दायर करने की तैयारी में है। इस धारा के तहत पुलिस तब क्लोजर रिपोर्ट दायर करती है जब उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिलते हैं। 

इस पर याचिकाकर्ता के वकील एसबी तलेकर ने कहा कि पुलिस ने इस प्रकरण को लेकर मेरे मुवक्किल का बयान दर्ज किया है लेकिन बैंक घोटाले से जुड़े आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं की है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि पुलिस एफआईअार दर्ज किए बिना कैसे मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दायर कर सकती है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। वर्ष 1961 में स्थापित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के संचालक मंडल व अध्यक्ष ने कुछ सूत गिरणी व शक्कर कारखानों को करोड़ो रुपए का कर्ज दिया गया था। पर इस कर्ज की वसूली नहीं की गई जिससे बैंक खस्ताहाल हालत में पहुंच गया। इस बैंक के संचालक मंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार, हसन मुश्रीफ, कांग्रेस नेता मधुकर चव्हाण व शिवसेना नेता अानंदराव अडसुल शामिल थे। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोडा ने बैंक के कथित घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने और घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। 

Created On :   31 July 2019 4:19 PM GMT

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