टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म प्रमाण-पत्र मामले में हाईकोर्ट ने मुंबई मनपा से मांगा जवाब 

HC asked question to MMCs birth certificate for Test tube baby
टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म प्रमाण-पत्र मामले में हाईकोर्ट ने मुंबई मनपा से मांगा जवाब 
टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म प्रमाण-पत्र मामले में हाईकोर्ट ने मुंबई मनपा से मांगा जवाब 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जन्म प्रमाणपत्र में बेटी के जैविक पिता का नाम लिखने के लिए बाध्य किए जाने के विरोध में एक अविवाहित महिला की ओर से दायर याचिका पर बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) से जवाब मांगा है। महिला ने टेस्ट ट्यूब के माध्यम से अगस्त 2016 में एक बच्ची को जन्म दिया था। महिला ने मनपा बच्ची के जन्म प्रमाण पत्र के लिए मनपा में किए अपने आवेदन में मांग की थी कि प्रमाणपत्र में पिता के स्थान को रिक्त रखा जाए। लेकिन मुंबई मनपा ने महिला के आग्रह को अस्वीकार कर दिया।

पिता के नाम के बगैर जन्म प्रमाणपत्र देने को तैयार नहीं है BMC
मनपा अधिकारियों ने कहा कि बगैर पिता के नाम के जन्म प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा सकता। मनपा के इस रुख से नाराज महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मंगलवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति पीएन देशमुख की बेंच के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान महिला के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मनपा अधिकारी मेरे मुवक्किल को बेटी के जैविक पिता के नाम का खुलासा करने व लिखने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। याचिका पर उल्लेखित तथ्यों पर गौर करने के बाद बेंच ने मनपा को जवाब देने के लिए आखिरी मौका दिया और मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।

दूसरे मामले में पिता का नाम हटाना चाहती है मां
इस बीच बेंच के पास एक और अविवाहित महिला की याचिका सुनवाई के लिए आयी। जिसके तथ्यों पर गौर करने के बाद बेंच ने बच्चे के जैविक पिता को अगली सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर रहने का निर्देश दिया। इस मामले में 22 वर्षीय महिला चाहती है कि जन्म प्रमाणपत्र से उसके बच्चे के जैविक पिता का नाम हटा दिया जाए। सुनवाई के दौरान इस प्रकरण में मनपा के वकील ने कहा कि जन्म के बाद महिला ने खुद अपनी स्वेच्छा से पिता का नाम जन्मपत्र के आवेदन में लिखा था। सिर्फ नाम में खामी होने की स्थिति में ही नाम हटाया जा सकता है। सिर्फ इस लिए कि अब महिला का मन बदल गया है, जन्म प्रमाण पत्र में लिखे गए पिता के नाम को नहीं हटा सकते। इन दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने इस मामले में बच्चे के जैविक पिता को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया।

Created On :   13 Feb 2018 7:43 PM IST

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