- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बांबे हाईकोर्ट : अविवाहित महिला के...
बांबे हाईकोर्ट : अविवाहित महिला के बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र जारी करे MNP

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगर पालिका को महानगर की एक अविवाहित महिला को जैविक पिता के नाम के बगैर बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है। इससे पहले मुंबई मनपा ने महिला को बच्चे के पिता के नाम के बिना जन्म प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार कर दिया था। लिहाज महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। महिला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वह एक हलफनामा देकर ऐसे जन्म प्रमाणपत्र की मांग कर सकती है जिसमें पिता का नाम न लिखा हो। इस बीच बच्चे के जैविक पिता ने हलफनामा दायर कर कहा कि यदि उसका नाम जन्मप्रमाण में नहीं लिखा जाता हैं तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
जैविक पिता के नाम के बगैर बीएमसी जारी नहीं कर रही थी प्रमाणपत्र
मंगलवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने मामले से ज़ुड़े दोनों पक्ष को सुनने के बाद पाया कि इस प्रकरण में मनपा ने जन्म प्रमाणपत्र को लेकर दो आवेदन पेश किए हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि एक बच्चे के जन्म को लेकर उसके पास दो आवेदन कैसे आए। खंडपीठ ने मुंबई मनपा आयुक्त को इस पहलू की जांच कराने का निर्देश दिया है। ताकि भविष्य में कोई गड़बड़ी न हो। अदालत ने कहा कि जरूरी हो तो मनपा आयुक्त सुधार के लिए निर्देश जारी करे।
बच्ची को जन्म प्रमाणपत्र जारी करे
इस दौरान खंडपीठ ने मुंबई महानगरपालिका को निर्देश दिया कि वह मामले से जुड़ी महिला की बच्ची को जन्म प्रमाणपत्र जारी करे। लेकिन उसमें पिता के नाम का उल्लेख न करें। जन्मप्रमाण पत्र में पिता के कॉलम को रिक्त रखा जाए। प्रकरण से जुड़ी महिला ने 7 नवंबर 2014 को एक बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची के जन्म के बाद महिला ने मुंबई मनपा के पास जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। जन्म प्रमाणपत्र तो जारी किया गया लेकिन उसमें बच्ची के पिता का भी नाम था। जिस पर महिला ने आपत्ति जताई थी। महिला का कहना था कि आवेदन पत्र पर मैंने अपनी बच्ची के जैविक पिता का नाम नहीं लिखा था।
Created On :   13 March 2018 8:48 PM IST